चीन के आप सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि “अमेरिका की दक्षिणी चीनी सागर और ताइवान पर कार्रवाई क्षेत्र में कायम स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव पैरिक शनहान ने चीन के रक्षा मंत्री से बातचीत की थीं।
चीनी अधिकारी ने कहा कि “वह गैर सटीक विचारो को व्यक्त कर रहे थे और दक्षिणी चीनी सागर व टेवन के मामले में उनकी पुरानी टोन बरकरार है। यह क्षेत्रीय स्थिरता और शांति के लिए नुकसानदेय है।”
उन्होंने कहा कि कह चीन किसी भी हद तक अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा चाहे जो भी ताइवान को हमारे क्षेत्र से अलग करने की कोशिश कर ले। चीन एकजुट होकर रहेगा। गर किसी ने चीनी भूभाग से ताइवान को अलग करने की कोशिश करेगा तो सेना देश की अखंडता की रक्षा करेगी।
शनहान ने सिंगापुर में आयोजित बैठक में कहा कि अमेरिका अधिक समय तक एशिया में चीन का व्यवहार को बर्दाश्त नही करेगा। ताइवान और दक्षिणी चीनी सागर के मामले पर क्षेत्र की संप्रभुता दांव पर है।
उन्होंने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कुछ तत्व क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे है लेकिन अमेरिका चीनी व्यवहार को नज़रअंदाज़ नही करेगा।
शाओ ने कहा कि वह अमेरिका ही है जिसने अपने हालिया कृत्यों से क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। मई में अमेरिका ने दक्षिणी चीनी सागर के जलमार्ग पर अमेरिकी विध्वंशक युद्धपोत भेज दिया था।विश्व को ताकतवर अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध भी जारी है।
हाल ही में ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख डेविड ली ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से मुलाकात की थी। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि वांशिगटन और बीजिंग के बीच सैन्य सम्बन्ध अच्छे हैं।
अमेरिका और चीन के व्यापार युद्ध जारी है और दोनों देश कई अहम रणनीतिक मुद्दों पर एक-दूसरे से उलझे हुए हैं। इसमें दक्षिणी चीनी सागर और ताइवान का लोकतंत्र भी है। चीन के मुताबिक ताइवान उनके देश का भाग है और इसे वह लेकर रहेंगे चाहे ताकत का इस्तेमाल ही क्यों न पड़े।