भारत और चीन के मध्य व्यापार गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन और अमेरिका के व्यापार वार्ताकार जनवरी में बातचीत के लिए मुलाकात की योजना बना रहे हैं। हालांकि स्थान और तारीख की अभी पुष्टि नहीं की गयी है। दोनों राष्ट्रों के मध्य सम्बन्ध बिगड़ रखे हैं लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात के बाद मतभेदों में तोड़ी कमी आई थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के प्रमुखों ने 90 दिन की संधि पर रजामंदी जताई थी।
वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता गाओ फेंग ने कहा कि चीनी और अमेरिकी व्यापार समूहों ने हमेशा बातचीत के लिए नजदीकी बनाये रखी है। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेफरी गेर्रिश चीन के साथ जनवरी में वार्ता के लिए टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। मुलाकात के मायने तरक्की की तरफ इशारा करते हैं और डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से चीन पर अभी कोई वार नहीं होगा।
अमेरिका और चीन के मध्य 1, मार्च से तनावग्रस्त स्थिति बनी हुई थी। शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रम्प ने एर्जेन्टीना में आयजित जी 20 के सामेलन में मुलाकात की थी। इस माह की शुरुआत में डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग ने 90 दिनों व्यापार जंग को विराम देने की योजना पर सहमती जताई थी।। रविवार को बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि व्यापार संतुलन और बौद्धिक संपत्ति में चीन और अमेरिकी नई उन्नति कर रहे हैं।
चीन ने 14 डिसेम्बर को ऐलान किया था कि वह 1 जनवरी से अमेरिकी उत्पादों पर से अतिरिक्त शुल्क को हटा देंगे, जिसमे अमेरिकी निम्रित कार और उपकरण शामिल है। वांशिगटन और बीजिंग के मध्य जैसे को तैसा वाला हाल जारी है और दोनों राष्ट्रों के मध्य 300 अरब डॉलर का व्यापार होता है।
हाल ही में दोनों देशों की फोन पर हुई बातचीत के मुताबिक चीन और अमेरिका व्यापार संतुलन और बौद्धिक संपत्ति को बरकरार रखने के लिए एक नई तरक्की की शुरुआत करेंगे।
चीन और अमेरिका ने व्यापार और आर्थिक मसलों पर चर्चा की थी। अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारीयों की शिकायत होती है कि चीन में विदेशी कंपनियों को निष्पक्ष पंहुच नहीं दी जाती है। साथ ही बौद्धिक संपत्ति की चोरी की जाती है।