चीन ने सुरक्षा नीतियों को बिगाड़ने के लिए अमेरिका पर आरोप लगाया है। अमेरिका ने चीन पर मुस्लिम अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को मानवधिकार का उल्लंघन बताया था।
कॉग्रेस एग्जीक्यूटिव कमीशन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में मानवधिकार के हालात निरंतर ख़राब होते जा रहे हैं। शिनजियांग प्रान्त में 10 लाख उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक लोगों को बंदी बनाकर रखा गया। हालांकि चीन ने आरोपों को खारिज कर उसे शिक्षण संस्था का कैंप बताया था।
चीनी विदेश मंत्रालय ने उसके क्षेत्र में की रिपोर्ट को अफवाह और निराधार बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीनी नीति का मकसद शिनजियांग में स्थिरता और सुरक्षा के लिए है और इस नीति का समर्थ जनता भी करती है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि विरोधी गुट इन प्रयासों को विफल करने की व्यर्थ जुगत में है।
बीजिंग ने कई बार अमेरिका पर शिनजियांग प्रान्त में चीनी विरोधी अलगाववाद अभियान चलाने के आरोप लगाए हैं। चीन ने आरोप लगाए थे कि अमेरिका ने इस प्रान्त को स्वतंत्र करने के लिए एक गुट बनाया है जिसका मकसद चीन को कमजोर करना है।
शिनजियांग सबसे अधिक जमीन घेरने वाला चीन का छठा है। यह चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड का मुख्य अंग भी है। इस रूट से चीन यूरोप और एशिया के बाज़ारों तक पहुंच जायेगा इसलिए इस प्रान्त में स्थिरता कायम रखना सरकार का प्राथमिक कार्य है।
चीन के शिनजियांग प्रान्त के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ तनावपूर्ण सम्बन्ध है विशेषतः आधी जनसँख्या वाले तुर्की उइगर मुस्लिमों से बीजिंग के सम्बन्ध बेहद खराब है। साल 2009 में इस प्रान्त की राजधानी में हिंसक हमले हुए थे।
चीन ने कहा उनकी नीति इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रभावी है. अलबत्ता आलोचकों का कहना है कि चीन हान संस्कृति और कम्युनिस्ट विचारधारा के कारण अल्पसंख्यक समुदाय पर जुल्म ढाता हैं।
शिनजियांग प्रान्त में चीन ने मंगलवार को आतंकवाद और चरमपंथ के खात्मे के लिए नियम जारी किए थे।
चीन के पूर्व अध्यापक ने कज़ाकिस्तान की अदालत में बताया कि चीन जिसे राजीनीतिक शिविर बताता है दरअसल वो अल्पसंख्यकों के लिए कैद थी।