अमेरिका और चीन के मध्य जारी व्यापार युद्ध के तनाव को कम करने की दोनों तरफ से कोशिश की जा रही है। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा कि अमेरिका इस वक्त चीन को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में झेल रहा है, जो रूस और ईरान से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता इसमें कोई संदेह है।
विश्व की दो वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के मध्य सम्बन्ध अभी तनावग्रस्त हैं और वह व्यापार समझौते को लेकर बातचीत कर रहे हैं। नवम्बर में एर्जेन्टीना में आयोजित जी 20 के सम्मेलन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग से मुलाकात की थी।
इस साल के शुरुआत में एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर वरे ने कहा कि चीन का खतरा बहुत कब्ज़ा करने वाला था। उन्होंने कहा कि हम चीनी खतरे को सिर्फ सर्ल्कारी खतरे के तौर पर नहीं ले रहे हैं बल्कि पूरे समाज के खतरे के तौर पर ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन निरंतर अपनी क्षमताओं को विकसित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को खुद का संरक्षण करना है और हमें सुनिश्चित होना है कि हमारे समक्ष संसाधन हों।
माइक पोम्पेओ ने कहा कि चीनी नीति बेहद आक्रामक है और कई मुद्दों पर उन्होंने हमें भटकाया है। उन्होंने कहा कि रोज गार्डन में चीनी राष्ट्रपति ने द्वीपों में सेना को तैनात न करने की बात कही थी लेकिन दक्षिणी चीनी सागर में उन्होंने वहीँ किया था। उन्होंने कहा कि अमेरिका सुनिश्चित है कि वह साइबर अपराध सहित चीन के साथ हर तरीके की जंग के लिए तत्पर है।
चीन और अमेरिका के मध्य व्यापार युद्ध सहित दक्षिणी चीनी सागर और हिन्द महासागर के मसले पर तनाव चल रहा है। अमेरिका दक्षिणी चीनी सागर को मुक्त, खुला और सभी के बराबर चाहता है जबकि चीन इस पर विस्तारवादी नीति अपना रहा है। अमेरिका ने चीनी उत्पादों के आयात पर 250 अरब का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था जबकि इसके प्रतिकार में चीन ने इसके प्रतिकार में अमेरिकी माल पर 60 अरब का शुल्क लगाया था।