अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को घोषित किया है। इस सुरक्षा रणनीति में भारत को अपना भागीदार बताया है। वहीं चीन, रूस व इस्लामवाद को प्रमुख खतरा माना गया है।
नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति के दस्तावेज के मुताबिक हम अग्रणी वैश्विक शक्ति, मजबूत रणनीतिक व रक्षा सहयोगी के रूप में भारत के उदय का स्वागत करते है। अमेरिका ने नरेन्द्र मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में समर्थन का वादा किया है।
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति मे कहा गया है कि हम जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ मिलकर चतुर्भुज सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे। साथ ही भारत के साथ रक्षा व सुरक्षा सहयोग को विस्तारित करेंगे।
इस दस्तावेज में भारत को अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार माना गया है। भारत को डोनाल्ड ट्रम्प की नई रणनीति में भागीदार बनाया गया है वहीं चीन को प्रमुख खतरा बताया गया है।
दस्तावेज में कहा गया है कि भारत-प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के नेतृत्व के लिए अमेरिका हमेशा साथ में है और दक्षिण एशियाई राष्ट्रों को अपनी संप्रभुता बनाए रखने में मदद करेगा। दस्तावेज में कहा गया कि चीन इन क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इसलिए इसे दूर करने के लिए अमेरिका अन्य देशों को समर्थन दे रहा है।
पाकिस्तान को दी चेतावनी
डोनाल्ड ट्रम्प के नए राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति दस्तावेज में अमेरिका की राजनीति को संतुलित करने का प्रयास किया गया है। ये अमेरिकी सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिए कहता है और दुनिया भर में शांति और समृद्धि फैलाने का वादा करता है।
अगर इस्लामी देशों की बात की जाए तो अमेरिका की नई रणनीति में इनके बारे में कोई खास योजना नहीं है। इस्लामी देशों में राष्ट्र निर्माण या लोकतंत्र की पदोन्नति नई सुरक्षा रणनीति का हिस्सा नहीं है। दस्तावेज में कहा गया है कि हम भारत के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा और व्यापक क्षेत्र में अपनी नेतृत्व की भूमिका का समर्थन करेंगे।
इन दस्तावेजों में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए आतंकवाद से दूर रहने को कहा गया है। दस्तावेज के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को तेज करते हुए पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे। आतंकवाद को कोई भी देश अपने समर्थन से बचा नहीं सकता है।