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    ग्वाटेमाला अमेरिका यरूशलम इजरायल

    यरूशलम मामले पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले का सम्मान करते हुए एक छोटे देश ग्वाटेमाला ने अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करने का फैसला किया है।

    ग्वाटेमाला उन नौ देशों में से एक था जिसने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका व इजरायल का समर्थन किया था। ग्वाटेमाला ने इजरायल को यरूशलम की राजधानी घोषित करने के समर्थन में ट्रम्प के पक्ष में मतदान किया था।

    ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिम्मी मोरालेस ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर घोषणा करते हुए कहा कि मध्य अमेरिकन देश ग्वाटेमाला इजरायल में अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करेगा। इस घोषणा के बाद ग्वाटेमाल पहला ऐसा देश बन जाएगा जो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में लिए गए फैसले का पालन करेगा।

    हालांकि ट्रम्प ने अभी तक निश्चित समय सारणी नहीं बतायी कि वो तेल अवीव से अपने दूतावास को यरूशलम में कब तक स्थानांतरित करेगा। ऐसा ही ग्वाटेमाला के साथ है। राष्ट्रपति जिम्मी मोरालेस ने भी अपने दूतावास को यरूशलम में शामिल करने की कोई निश्चित समय सारणी नहीं बतायी है।

    रविवार को अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट में जिम्मी मोरालेस ने कहा कि उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करने की वार्ता की है।

    इस वार्ता के बाद ग्वाटेमाला के विदेश मंत्रालय को निर्देश दिए कि वो अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करे।

    इजरायल व ग्वाटेमाला में है घनिष्ठ संबंध

    इजरायल व ग्वाटेमाला दोनों ही देशों के बीच में घनिष्ठ व मजबूत संबंध बने हुए है। खासकर सुरक्षा मामलों में और इजरायल द्वारा ग्वाटेमाला को हथियारों की बिक्री के मामलों में दोनों देशों के बीच संबंध बने हुए है।

    दोनों देशों के संबंधों के बारे में ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिम्मी मोरालेस ने कहा, “ग्वाटेमाला हमेशा से ही इजराइल का साथी रहा है। हमारे 70 सालों के इतिहास में इजराइल हमेशा हमारा दोस्त रहा है।”

    उन्होंने आगे कहा, “हमारी सोच ईसाई सोच है और यह कहती है कि इजराइल हमारा दोस्त है और हमें इसका समर्थन करना चाहिए। बावजूद इसके कि विश्व में सिर्फ नों देशों नें इसका समर्थन किया है, हमें लगता है कि यह बिलकुल सही रास्ता है और बाकी देश भी इसका पालन करेंगे।”

    इजरायल के प्रधानमंत्री से वार्ता के बाद ही ग्वाटेमाला ने अपने दूतावास को तेल अवीव से यरूशलम में भेजने का फैसला लिया है। इजरायल ने भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि ग्वाटेमाला की तरह अन्य देश भी अमेरिकी नेतृत्व का पालन करके अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करेंगे।

    इजरायल संसद के स्पीकर ने दी ट्विटर पर बधाई

    इजरायल की संसद के स्पीकर यूली एडेलस्टीन ट्विटर पर ग्वाटेमाला के फैसले का स्वागत किया है। यूली ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं अपने दोस्त मोरालेस को इजरायल से अपने दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करने के साहसिक निर्णय पर बधाई देता हूं। आपका निर्णय साबित करता है कि आप और आपका देश इजरायल के सच्चे दोस्त है।“

    गौरतलब है कि ग्वाटेमाला व उसक पड़ोसी होंडुरस वे दो देश है जिन्होंने अपने दूतावास को यरूशलेम में ले जाने का वचन दिया है।