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    कच्चा तेल

    नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| कच्चे तेल में लगातार तीन दिनों की मंदी के बाद बुधवार को फिर तेजी लौटी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड के भाव में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी आई।

    हालांकि भारतीय वायदा बाजार में कच्चे तेल के वायदा सौदों में एक फीसदी से ज्यादा की नरमी बनी रही। ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार घटने और तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक व गैर-ओपेक देशों के बीच तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखने को लेकर बनी सहमति से कीमतों में तेजी का रुख देखा जा रहा है।

    मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर रात करीब नौ बजे कच्चे तेल के जुलाई अनुबंध में 55 रुपये यानी 1.39 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,892 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

    अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के सितंबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में 1.01 फीसदी की तेजी के साथ 63.03 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले भाव 63.45 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

    वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) का अगस्त अनुबंध 0.30 फीसदी की तेजी के साथ 56.42 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था जबकि इससे पहले भाव 57.12 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

    अमेरिकी एजेंसी इनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में 10.9 लाख बैरल की कमी आई।

    इससे पहले मंगलवार को ओपेक और गर-ओपेक देशों के बीच बनी सहमति के अनुसार, वे कच्चे तेल के उत्पादन में जारी रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती अगले साल मार्च तक जारी रखेंगे।

    एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (इनर्जी व करेंसी) अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के दाम में फिलहाल सारे तेजी के फैक्टर होने के बावजूद ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि ट्रेड वार चलते तेल की खपत कमजोर रहने की आशंका बनी हुई है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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