uttar korea aur america

उत्तर कोरिया में नियुक्त अमेरिकी राजनयिक स्टेफेन बिगुन ने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण पर उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य मतभेद कम है। बीते हफ्ते उत्तर कोरिया अधिकारीयों से स्टोफेन बिगुन ने मुलाकात की थी। स्टेफेन बिगुन के हवाले से एक अधिकारी ने कहा कि “शिखर सम्मलेन के दो सप्ताह पूर्व सभी चुनौतीपूर्ण मसलों को हल करना मुश्किल होगा। लेकिन मौका बन सकता है यदि हम परमाणु निरस्त्रीकरण को मंज़ूरी प्रदान कर दें।”

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति दफ्तर ने शुरुआत में घोषणा की थी कि उत्तर कोरिया और अमेरिका की आगामी मुलाकात की अनिश्चित एशियाई देश में संभव हो सकती है। इस माह के आखिरी में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प परमाणु हथियार कार्यक्रम को निरस्त करने की प्रगति पर चर्चा कर सकते हैं।

बीते वर्ष जून में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य पहले ऐतिहासिक शिखर सम्मलेन का आयोजन हुआ था। दोनों नेताओं की हनोई में आयोजित दूसरो मुलाकात से सभी को काफी उम्मीदे हैं।

हाल ही में स्टेफेन बेगुन “जब तक उत्तर कोरिया पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण नके लिए तत्पर नहीं होता, अमेरिका प्रतिबंधो से निजात नहीं देगा। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि जब तक हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे और वह सब भार उठाएंगे।”

उत्तर कोरिया की मांग के बाबत उन्होंने कहा कि “उन्हें परमाणु साईट पर जानकारों और निगरानी तंत्र की पंहुच को मंज़ूरी देना जरुरी है। हालांकि पियोंग्यंग इस इस दिशा में अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।” उन्होंने कहा कि “ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक डैन कोट ने कांग्रेस में कहा था कि उत्तर कोरिया की परमाणु निरस्त्रीकरण करने की इच्छा नहीं है।”

स्टेफेन बेगुन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति कोरिया में शांति का एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प युद्ध और दुश्मनी के सात दशक के इतिहास को अब परिवर्तित करना चाहते हैं। उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में सकारात्मक पहल करने की जरुरत है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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