उत्तर कोरिया (North Korea) ने गुरूवार को प्योंगयांग और वांशिगटन के बीच बातचीत में दक्षिण को मध्यस्थता न करने की चेतावनी दी है। जी-20 के सम्मेलन के बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के सम्बन्ध में बातचीत के लिए दक्षिण कोरिया की यात्रा पर आएंगे।
फरवरी में हनोई में आयोजित दुसरे शिखर सम्मेलन के बाद ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग के बीच बातचीत का सिलसिला थम रखा है। उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम को त्यागने के बदले प्रतिबंधों से निजात चाहता है। दोनों पक्षों के बीच बेहद कम बातचीत है।
इस सप्ताह के अंत में सीओल की यात्रा पर जायेंगे और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे। डोवीश मून में बुधवार को कहा था कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तीसरे सम्मेलन के आयोजन के लिए परदे के पीछे बातचीत जारी है।
उन्होंने कहा कि “दक्षिण और उत्तर कोरिया के बीच विविध चैनेलो के माध्यम से बातचीत जारी है।” सीओल ने हाल ही में उत्तर कोरिया की भोजन मदद के लिए 8 अरब डॉलर की राशि को मंज़ूरी दी थी। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने गुरूवार को दक्षिण की आलोचना की और कहा कि “वह अपनी स्थिति में इजाफे को कोशिश कर रहा और मध्यस्थता कर रहा है।”
उत्तर कोरिया की स्टेट न्यूज़ एजेंसी के बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि “अमेरिका और उत्तर कोरिया प्रत्यक्ष पक्ष थे। दक्षिण कोरियाई सरकार की मध्यस्थता करने से वाकई कोई दिक्कत नहीं है। अगर उत्तर कोरिया वांशिगटन से समपर्क करना है तो वह मौजूदा संपर्क चैनलो का इस्तेमाल करेगा, दक्षिण कोरिया की सरकार के जरिये यह कभी नहीं होगा।”
इस बयान में अमेरिकाके समक्ष अधिक वक्त न होने को भी याद दिलाया गया है। किम ने वार्ता के लिए नए दृष्टिकोण को अपनाने के लिए इस वर्ष के अंत तक की समयसीमा दी है। मून जे इन प्योंगयांग से बातचीत के पक्ष में हैं और उन्होंने दोनों पक्षों की बातचीत के लिए बीते वर्ष किम से तीन बार मुलाकात की थी।
ट्रम्प की दक्षिण कोरिया की यात्रा से मीडिया में त्रिकोणीय मुलाकात की अफवाह फैलाई गयी थी। हालाँकि डोनाल्ड ट्रम्प ने खुद कहा कि वह किम जोंग उन से मुलाकात नहीं करेंगे।