राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम्जोंग उन की दूसरी मुलाकात फ़रवरी के अंत में तय की गयी है हलाकि अभी तारीख और स्थान तय नहीं किये गए हैं। इस मुलाकात पर अमेरिकी विशेष राजदूत ने कहा कि “अगर उत्तर कोरिया अपने पूर्ण परमाणु हथियारों का खुलासा कर दे और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए तैयार हो जाए तो अमेरिका काफी रियायत बरत सकता है।”
कैलोफोर्निया के पालो अल्टोमें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में अमेरिकी विशेष राजदूत स्टेफेन बिगुन ने इस बाबत जानकारी नहीं महैया की आखिरकार क्या रियायत बरती जा सकती है। स्टेफेन बेगुन उत्तर कोरिया के वार्ताकारों के साथ मुलाकात के पूर्व दक्षिण कोरिया के अधिकारियों से भेंट करेंगे।
उन्होंने बयान में कहा कि “दोनों राष्ट्रों में भरोसे की नींव रखने के लिए अमेरिका व्यापक स्तर पर चर्चा करने के लिए तत्पर है। दोनों मुल्कों के मध्य स्थायी शांति स्थापित करने और संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए सिंगापुर वार्ता के मकसद को पूरा करने के लिए आगे बढ़ा जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति का उत्तर कोरिया के लिए नजरिये में बदलाव दिखा है।”
इस मौके पर उन्होंने किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य सिंगापुर में हुई पहली मुलाकात का भी जिक्र किया था। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि दोनों नेताओं की अगली मुलाकात की तारीख व घोषणा जल्द ही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया ने कई बार परमाणु निरस्त्रीकरण करने और हथियारों को समाप्त करने के बदले कुछ ख़ास रियायत नहीं दी है। बार-बार उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों को खत्म करने और सुरक्षा की गारंटी देने का आग्रह किया है।” उन्होंने कहा कि “जब तक उत्तर कोरिया पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण नके लिए तत्पर नहीं होता, अमेरिका प्रतिबंधो से निजात नहीं देगा। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि जब तक हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे और वह सब भार उठाएंगे।”
उत्तर कोरिया की मांग के बाबत उन्होंने कहा कि “उन्हें परमाणु साईट पर जानकारों और निगरानी तंत्र की पंहुच को मंज़ूरी देना जरुरी है। हालांकि पियोंग्यंग इस इस दिशा में अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।” उन्होंने कहा कि “ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक डैन कोट ने कांग्रेस में कहा था कि उत्तर कोरिया की परमाणु निरस्त्रीकरण करने की इच्छा नहीं है।”
स्टेफेन बेगुन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति कोरिया में शांति का एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प युद्ध और दुश्मनी के सात दशक के इतिहास को अब परिवर्तित करना चाहते हैं। उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में सकारात्मक पहल करने की जरुरत है।