अमेरिका की उत्तर कोरिया (north korea) के साथ परदे के पीछे बातचीत से तीसरी संभावित मुलाकात हो सकती है और कार्य स्तर वार्ता को प्रस्तावित किया था। फरवरी से दोनों देशों के बीच बातचीत ठप पड़ी हुई है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने बुधवार को यह बयान दिया था।
विदेशी पत्रकारों के सवालों के जवाब में मून ने कहा कि “एक गतिरोध के बारे में बात करने का कोई कारण नहीं है, सिर्फ इसलिए कि उनकी कोई आधिकारिक भाषा नहीं है। इसका मकसद उत्तर कोरिया का परमाणु निरस्त्रीकरण है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की वियतनाम की राजधानी हनोई में मुलाकात हुई थी लेकिन प्रतिबंधों से रियायत के कारण दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहे थे।
मून ने कहा कि “दोनों पक्षों ने तीसरे शिखर सम्मेलन के लिए वार्ता कर रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि परदे के पीछे दोनों पक्षों आपसी समझ से बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका ने कार्यकारी स्तर की वार्ता का प्रस्ताव दिया है और उत्तर कोरिया से वार्ता की टेबल पर वापसी का आग्रह किया है।”
उत्तर कोरिया सालो से यूएन सुरक्षा परिषद् के विशेषाधिकारों और अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार करते हुए परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम चला रहे हैं। संघर्ष को खत्म करने में मून ने मध्यस्थता की थी। उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को त्यागने के बदले प्रतिबंधों को खत्म करने और सुरक्षा गारंटी को देने की बात कही थी।
मून ने यह स्पष्ट नहीं कि कब और कैसे अमेरिका ने यह प्रस्ताव दिया था। लेकिन अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने कहा कि हाल ही ट्रम्प और किम के बीच खतो का आदान-प्रदान से बातचीत के शुरू करने की उम्मीद है। उत्तर कोरिया के आधिकारिक न्यूज़ एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, ट्रम्प के पत्र में उम्दा लफ्ज थे और किम ने गंभीरता से लिया है।
स्टेफेन बिगुन गुरूवार से सीओल की यात्रा पर जायेंगे और दक्षिण कोरिया के अधिकारीयों से मुलाकात करेंगे। इस सप्ताहांत दक्षिण कोरिया की यात्रा पर ट्रम्प भी होंगे। ट्रंप दोनों कोरियाई देशों के बीच सेना रहित क्षेत्र पर यात्रा करने पर विचार कर रहे हैं। दो कोरियाई क्षेत्रों में साल 1950-53 की जंग एक संघर्षविराम समझौते पर खत्म हुई थी न कि किसी संधि से अंत हुआ था।
अमेरिका के अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि “ट्रम्प के इस यात्रा के दौरान किम से मुलाकात की योजना नहीं थी। ट्रम्प साल 2017 में सेना रहित क्षेत्र में यात्रा करना चाहते थे लेकिन दक्षिण कोरिया में भारी धुंध के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका।
मून ने कहा कि “उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत को बहाल कर इसे अगले स्तर तक ले जायेगा।” हनोई सम्मेलन के बाद बहुत थोड़ी प्रगति हुई थी। प्योंगयांग ने हनोई सम्मेलन के बाद सीमित हथियारों का परिक्षण किया है। अमेरिका सिर्फ उत्तर कोरिया से परमाणु निरस्त्रीकरण करना चाहता है।
मून ने कहा की “वह चाहते हैं कि निरस्त्रीकरण प्रक्रिया को अंतिम स्वरुप देना चाहते हैं। मून ने उत्तर कोरिया से अपने बीते मत पर खड़े रहने की मांग की है।” बीते वर्ष की सिंगापुर में हुई मुलाकात में किम जोंग उन ने पूर्ण और निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग की थी।
कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।