अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है और तेहरान इस हाल में खाड़ी के मुल्को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से वार्ता के लिए तैयार है। इस बैठक में अरब खाड़ी में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के मसले पर बातचीत की जाएगी। इस जानकारी को ईरान के उपविदेश मंत्री अब्बास आरक्चि ने क़तर की यात्रा के दौरान दी थी।
खाड़ी देशों से वार्ता
क़तर में ईरानी विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की थी। क़तर के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने क्षेत्र में समास्याओं और तनाव के बढ़ने पर चिंता व्यक्त की है। ईरान और अमेरिका व उसके खाड़ी सहयोगियों के बीच तनाव काफी हद तक बढ़ चुका है।
वांशिगटन ने इस माह की शुरुआत में खाड़ी क्षेत्र में एक युद्धपोत और बमवर्षक की तैनाती की योजना का ऐलान किया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को यूएई के यात्रा की थी। बोल्टन ने ट्वीट कर कहा कि “यूएई में अभी लैंड हुआ हूँ। कल यूएई के सहयोगियों से महत्वपूर्ण मुद्दे पर मुलाकात की तरफ देख रहा हूँ।”
इस महीने में तेहरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने सऊदी अरब में तेल पाइपलाइन पर ड्रोन से हमला किया था। वांशिगटन ने इसका आरोप ईरान के दर मढ़ दिया था हालाँकि तेहरान ने इन सभी आरोंपो को खारिज कर दिया था। बीते हफ्ते बोल्टन ने कहा था कि “अमेरिका के समक्ष ईरान की तरफ से खतरे की गहरी व गंभीर ख़ुफ़िया जानकारी है।”
अमेरिकी-ईरानी तनाव
डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि “हम शासन में परिवर्तन की कोई मंशा नहीं रखते हैं। मैं बस इतना स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम परमाणु हथियारों से आज़ादी की तरफ देख रहे हैं। मैं ईरान को क्षति नहीं पंहुचाना चाहता हूँ और मुझे यकीन है कि दोनों पक्षों के बीच जल्द समझौता हो जायेगा।”
इसके प्रतिकार में ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीटर पर कहा कि “ट्रम्प प्रशासन ईरानी आवाम को आघात पंहुचा रहे हैं और क्षेत्र में तनावग्रस्त माहौल बना रहे हैं।”