ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने मंगलवार को अमेरिका के साथ वार्ता की अफवाहों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि “हमारा मुल्क वांशिगटन के साथ किसी भी स्तर की वार्ता नहीं करेगा जब तक वह अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता और साल 2015 की परमाणु संधि पर वापस नहीं लौट आता।”
अलजजीरा को खामेनेई ने बताया कि “ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति कामयाब नहीं हो सकी और इस्लामिक गणराज्य के इस विचार पर एकजुट है कि किसी भी स्तर पर अमेरिका के साथ वार्ता नहीं की जाएगी।”
सर्वोच्च नेता ने कहा कि “अगर अमेरिका अपने रवैये में तब्दीली करता है और साल 2015 की परमाणु संधि पर वापस आता है तो वह समझौते में ईरान व अन्य पक्षों के साथ बहुपक्षीय वार्ता में शामिल हो सकता है।”
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने कहा कि “यूएन जनरल महासभा के इतर डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की ईरानी राष्ट्रपति की कोई योजना नहीं है।” रविवार को सऊदी अरब की दो तेल कंपनियों में ड्रोन से हमला किया गया था जिसका कसूरवार अमेरिका और सऊदी अरब ने ईरान को ठहराया था। जबकि इसकी जिम्मेदारी यमन के हौथी विद्रोहियों ने ली थी। इस वारदात से कुल उत्पादन में रोजाना 57 लाख बैरल को कम कर दिया गया है।
इसके जवाब में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “ड्रोन हमले के मामले पर मैं सुरक्षा कारणों को रेखांकित करना चाहता हूँ। हर दिन यमन में बमबारी की जाती है और मासूम नागरिको की हत्या की जाती है। यमन में नागरिको के खिलाफ निरंतर हथियारों के इस्तेमाल से यमन के नागरिक जवाब देने के लिए मजबूर हो गए हैं। यमन के नागरिको को खुद को इस हमले से बचाना है।”