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    ग्रेस 1 जहाज

    ईरान ने सोमवार को कहा कि अमेरिका द्वारा तेल टैंकर को जब्त करने की कोशिश के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने बताया कि “अगर अमेरिका ऐसे कदम उठता है तो यह अंतरराष्ट्रीय जल पर नौचालन की सुरख्सा के लिए खतरनाक होगा।”

    उन्होंने कहा कि “ईरान ने अमेरिकी विभागों को अधिकारिक चैनल के जरिये चेतावनी दे रखी है, विशेष तेहरान में स्विस दूतावास के जरिये दी थी कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।” अमेरिका ने हाल ही में गिब्राल्टर के विभागों से ईरान के तेल टैंकर ग्रेस 1 को जब्त करने के लिए मांग की थी। इस जहाज को बीते हफ्ते अदालत की सुनवाई के बाद छोड़ दिया गया था।

    बहरहाल गिब्रालटर बंदरगाह ने अमेरिकी विभाग द्वारा जहाज को न छोड़ने के आग्रह को ठुकरा दिया था और कहा कि यूरोपीय कानून के कारण वह इसका पालन करने में सक्षम नहीं है। ईरान और अमेरिका के बीच साल 2018 से तनाव का दौर जारी है जब अमेरिका ने तहरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था।

    अर्धस्वायत्त ब्रितानी इलाके गिब्राल्टर से अद्रिया दरया यानी ग्रेस 1 को बीते महीने ब्रितानी सेना ने जब्त किया था। ब्रिटेन ने आरोप लगाया कि ईरान ने सीरिया को तेल का निर्यात कर यूरोपीय नियमो का उल्लंघन किया था। इसके प्रतिकार में ईरान ने तत्काल ब्रितानी ध्वज के जहाज स्टेनो इम्पेरो को होर्मुज़ के जलमार्ग पर जब्त कर लिया था।

    गिब्राल्टर की अदालत ने बीते महीने ईरानी जहाज को 30 दिनों तक हिरासत में रखने का फैसला सुनाया था और इसकी अगले सुनवाई गुरूवार को सुबह हुई थी। अमेरिका के आग्रह के बावजूद ईरान के तेल टैंकर को रिहा कर दिया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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