ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “अमेरिका के साथ ईरान कभी भी जंग नहीं चाहता था।” दोनों देशों के बीच काफी तनाव बढ़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि “ईरान को क्षेत्र में तनाव बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है और हम अमेरिका सहित किसी भी देश के साथ जंग नहीं चाहते हैं।”
रूहानी अपने फ्रांस के समकक्षी इम्मानुएल मैक्रॉन के साथ फोन पर बातचीत कर रहे थे। बीते हफ्ते अमेरिकी ड्रोन गिराने के बाद तेहरान और वांशिगटन के बीच जुबानी जंग जारी है।
ईरानी राष्ट्रपति ने मैक्रॉन से कहा कि “हम हमेशा क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है और इसके सम्बन्ध में प्रयास करना जारी रखेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि “उन्होंने ईरान पर प्रतिकारी हमले से 10 दिन मिनट पहले ही इसे रोक दिया था।”
उन्होंने तेहरान एक दावे को खारिज किया कि ड्रोन उनके हवाई क्षेत्र में था। अमेरिका ने राष्ट्रपति ने ईरान के सर्वोच्च नेता और आला अधिकारियो पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे। क्षेत्रीय तनाव के लिए हसन रूहानी ने अमेरिका को कसूरवार ठहराया था और कहा कि “अगर वांशिगटन संधि पर कायम रहता है तो हम क्षेत्र में सकारात्मक विकास के गवाह होंगे।”
ईरान ने मई में ऐलान किया कि वह साल 2015 में हुई संधि के दो संकल्पो को निलंबित कर रहा है। मंगलवार को तेहरान के आला सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि “ईरान 27 जुले से अपने प्रतिबद्धताओं को निभाना बंद कर देगा।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका किसी भी चीज पर ईरान का हमला पर उन्हें एक महान और भारी सेना का सामना करना होगा। यह ईरान का बेहद जाहिल और अपमानिक बयान था, यह दिखाता है कि वह असलियत को नहीं समझते हैं।ईरान की अद्भुत जनता जूझ रही है और इसके लिए कोई कारण नहीं है। उन्हें नेतृत्व ने पूरा धन आतंकवाद पर खर्च कर दिया है, और अन्य सभी पर बेहद नमात्र खर्चा किया गया है।”