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    अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट

    अमेरिका ने मंगलवार को लेबनान की संसद में हिजबुल्लाह के दो अधिकारीयों और एक वरिष्ठ अधिकारी पर ईरान को मदद करने के शक पर प्रतिबन्ध लगा दिए हैं। यह पहली बार है कि वांशिगटन हिजबुल्लाह के राजनेताओं को निशाना बना रहा है, जिसे आतंकी संगठन का दर्जा दे रखा है।

    हिजबुल्लाह के तीन अधिकारीयों पर प्रतिबन्ध

    अमेरिकी ट्रेज़री विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण दफ्तर ने सांसद अमिन शेर्री और मुहम्मद हसन राद और हिजबुल्लाह के सुरक्षा अधिकारी वाकीफ सफा पर प्रतिबंधों को थोपा है। इन तीनो पर आतंकवादियों और आतंकी गतिविधियों को सहायता करने का आरोप है।

    आतंकवाद और वित्तीय ख़ुफ़िया के ट्रेज़री में अंडर सेक्रेट्री सिगल मंदेलकर ने कहा कि “लेबनान की संसद में हिजबुल्लाह अपनी सक्रियता का इस्तेमाल करते हुए संस्थानों को आतंकवादी समूहों के वित्तीय और सुरक्षा हितो को समर्थन करने के लिए प्रभावित करती है और ईरान की नुकसानदेह गतिविधियों में इजाफे के लिए उकसाते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “हिजबुल्लाह लेबनान और व्यापक क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा है। लेबनान की संस्थाओं को ईरान और उसके आतंकवादियों समूहों के शोषण से बचाव के लिए अमेरिकी सरकार लेबनान की सरकार के प्रयासों में मदद करना जारी रखेगी। साथ ही लेबनान के अधिक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की कामना करेगी।”

    राजनीतिक ताकत का दुरूपयोग

    तीन अधिकारीयों पर प्रतिबंधों थोपने के बाबत अमेरिकी विभाग ने कहा कि “कैसे हिजबुल्लाह अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल लेबनान की वित्तीय और सुरक्षा तत्वों को भ्रष्ट और शोषित करता है। वह देश की लोकतान्त्रिक प्रणाली और मूल्यों का नाजायज फायदा उठाता है।”

    इन प्रतिबंधों के तहत अमेरिकी नागरिकों को लेबनान के तीन अधिकारीयों के साथ सौदेबाज़ी करने से रोक दिया गया है। साथ ही इनकी अमेरिकी वित्तीय प्रणाली तक पंहुच को भी बाधित कर दिया गया है। हालिया प्रतिबंधों के सतह ही साल 2017 से हिजबुल्लाह के करीब 50 अधिकारीयों और समूहों को अमेरिकी विभाग ने प्रतिबंधित कर दिया है।

    अमेरिका के इस कदम को मध्य पूर्व में ईरान और उसके सहोगियों पर दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें हिज्बुल्ल्ह भी शामिल है और अमेरिका ने इस समूह पर आतंकवादी हमलो को अंजाम देने का आरोप लगाया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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