अमेरिका ने ईरानी प्रतिबंधों से रिआयत देने वाले देशों की छूट को खत्म करने का निर्णय लिया है। इसके बाबत भारत ने मंगलवार को कहा कि “इसके बाद हम हालातों से समझौता करने के लिए पूरी तरह तैयार है।” रिआयतों के तहत अमेरिका ने भारत सहित आठ देशों को छह माह तक ईरान से तेल खरीदने की छूट दी थी।
भारत की योजना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “इस निर्णय से होने वाले असर से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार है।” तेल मंत्रालय के मुताबिक, भारत एक ठोस योजना अमल में लाएगा जिससे मई 2019 तक भारतीय तेल रिफाइनरी को पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित हो सकेगी। विश्व के विभिन्न हिस्सों से प्रमुख तेल उत्पादन देश अतिरिक्त निर्यात करेंगे। बिना किसी समस्या के भारतीय रिफायनरीज राष्ट्रों की तेल, पेट्रोल व अन्य पदार्थों की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को ऐलान किया कि अब वह किसी मुल्क को प्रतिबंधों से रियायत देने के मूड में नहीं है। भारत और चीन सबसे अधिक ईरान से तेल खरीदते हैं। अमेरिका ईरान पर दबाव बनाकर सरकार की अस्थिर गतिविधियों का अंत कर, क्षेत्र और बाहरी इलाकों का संरक्षण करेगी।
अमेरिका के आदेश
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रतिबंधों की रिआयत की अवधि को नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है जो मई 2019 में खत्म हो जायेंगे। यह फैसला ईरानी तेल की सौदेबाज़ी को शून्य करने के लिहाज से लिया गया है।”
नवंबर में ट्रम्प प्रशासन ने भारत सहित आठ देशों को प्रतिबंधों के बावजूद ईरान का तेल खरीदने की छह माह तक के लिए इजाजत दी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी थी किछ माह तक सभी देशों को तेल आयात घटाकर शून्य करना होगा। इसमें चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ताइवान, इटली और ग्रीस शामिल है। इनमे से तीन देशों ने तेल आयात को शून्य कर दिया हिअ लेकिन ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है।