डोनाल्ड ट्रम्प ने कल अपने संयुक्त राष्ट्र मंच पर पहले भाषण के दौरान अमेरिका और ईरान के बीच 2015 में हुए परमाणु सौदे को ख़तम करने के संकेत दिए।
ट्रम्प ने कहा कि ईरान की सरकार आतंकवादियों को सहारा दे रही है और मध्य पूर्वी इलाकों में हिंसा का माहौल बना रही है। ट्रम्प ने ईरान सरकार को हत्यारा बताते हुए उनसे सभी सम्बन्ध तोड़ने की धमकी दी।
अमेरिका-ईरान परमाणु सौदा क्या है?
ईरान की अर्थव्यवस्था पिछले सदी में बहुत डामाडोल रही थी। देश में प्राकृतिक गैस और तेल का भंडार होने के बावजूद ईरान विश्व के बाकी देशों से काफी पीछे चल रहा था। दूसरे और इराक और सऊदी अरब से लगातार विवादों के चलते ईरान ने परमाणु हथियार बनाने शुरू कर दिए। इसे के साथ ईरानी सरकार ने कुछ आतंकवादी संगठों का हाथ थाम लिया।
मध्य पूर्वी देशों में ईरान-इराक और सऊदी अरब के बीच विवादों के चलते आये दिन युद्ध का माहौल रहता था। 2003 में अमेरिका ने इराक पर कब्ज़ा कर लिया था और उसके तानाशाह सद्दाम हुसैन को मौत की सजा दे दी। इसके बाद इराक में नयी सरकार बनी और कुछ हद तक शान्ति बनी रही।
इसके बाद ईरान और सऊदी अरब में मध्य पूर्वी एशिया की अगली बड़ी ताक़त बनने की होड़ लग गयी थी। दोनों देशों के बीच काफी सालों तक शीत युद्ध चला। 21 वी सदी के पहले दशक में ईरान में परमाणु शक्ति बनने की होड़ लग गयी थी। इस छेत्र में बढ़ती अशांति की वजह ईरान को माना जाने लगा और अंतराष्ट्रीय स्तर पर ईरान पर काफी प्रतिबन्ध लगा दिए गए थे।
2015 में ईरान ने अपने ऊपर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने की मांग की और इसके बदले में अपने सभी परमाणु स्रोत समर्पण करने की पेशकश की। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने इसे मान लिया और दोनों देशों ने अमेरिका-ईरान परमाणु सौदे पर हस्ताक्षर किये।
इस सौदे के तहत ईरान को विश्व स्तर पर इस्लामिक गणतंत्र का दर्जा दिया जाएगा। इसके अलावा सभी अंतराष्ट्रीय संगठनों में ईरान को शामिल किया जाएगा। इसके बदले ईरान अपने परमाणु भंडार में से 98 प्रतिशत यूरेनियम और प्लूटोनियम धातु को अमेरिका को सौंप देगा।
अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते को हटाने की बात कही है। ट्रम्प ने कहा कि ईरान सरकार इसका पालन नहीं कर रही है और अमेरिकी सरकार को यह सौदा कभी नहीं करना चाहिए था।
ट्रम्प के इस भाषण के बाद हालाँकि ईरान सरकार ने इसपर जबरदस्त विरोध जताया है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रम्प का यह भाषण आधुनिक विश्व को शोभा नहीं देता है।