ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने रविवार को कहा कि “स्थायी परमाणु संधि के लिए अमेरिका के साथ तेहरान वार्ता के लिए तैयार है लेकिन वार्ता के टेबल पर यह बातचीत मौजूदा परमाणु संधि के सदस्यों के साथ बैठकर ही होगी।” अमेरिका ने तेहरान के साथ साल 2015 में किये परमाणु समझौते को खत्म कर दिया था।
जावेद जरीफ के वार्ता के संकेत
जरीफ ने सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि “हम वार्ता के लिए तैयार है। हम बातचीत को तत्पर है लेकिन यह डेढ़ साल या साढ़े पांच साल के लिए ही वैध नहीं होनी चाहिए। हमें उसके बारे में बात करनी चाहिए जो स्थायी हो।” यूएन में बुधवार को सत्र का आयोजन होना है और इसमें संधि के सभी हस्ताक्षरकर्ता मौजूद होंगे।
इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस, जर्मनी, ईरान और यूरोपीय संघ शामिल है और यह साल 2015 की परमाणु संधि के भविष्य पर चर्चा करेंगे। न्यूयोर्क में अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पियो के साथ बैठक को जावेद जरीफ में खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा कि “इस्लामिक गणराज्य के अध्यात्मिक नेता की तरफ से कार्य करने के कारण जुलाई में वांशिगटन ने ईरानी राजनयिकों पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे और यह अमेरिका का यह कानून उन्हें पोम्पियो के साथ मुलाकात से रोकता है।” अमेरिका ने परमाणु संधि को खत्म करने के बाद सिलसिलेवार तरीके से ईरान पर आर्थिक और व्यक्तिगत प्रतिबंधो को थोपा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि “वह ईरान के साथ भयावह एकतरफा संधि पर बातचीत करना चाहते हैं।” डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार को ईरान पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंधो को लागू करने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ने ईरान के राष्ट्रीय बैंक, ईरान सेंट्रल बैंक को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी।
ईरान की रेवोलूश्नेरी गार्ड्स के कमांडर ने सोमवार को चेतावनी दी कि “हमारे मुल्क पर हमला करने वाला देश खुद की सरजमीं को संघर्ष के युद्धक्षेत्र में परिवर्तित होते हुए देखेगा। जो अपने देश को मुख्य युद्धक्षेत्र में परिवर्तित होते हुए देखना चाहता है, आगे बढे।”