अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत तभी संभव हो सकेगी यदि वह इस एजेंडा पर आधारित होगी कि इसके वास्तविक परिणाम होंगे। लेकिन वांशिगटन बातचीत की इच्छा नहीं रखता है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने सोमवार को बयान दिया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा रहा कि वह इस्लामिक गणराज्य के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है। मौसावी ने न्यूज़ कांफ्रेंस ब्रॉडकास्ट लाइव में कहा कि “वार्ता और बातचीत का आयोजन हो सकता है जब हमारा एक निश्चित एजेंडा हो और जब जिसके परिणाम में वास्तविक और प्रोग्यात्मक नतीजे निकले हो।”
उन्होंने कहा कि “वे बातचीत नहीं कर रहे हैं। वे वार्ता करने के इच्छुक नहीं है।” हालिया महीनो में पश्चिम और तेहरान के बीच तनाव काफी बढ़ा है, जब खाड़ी में तेल टैंकर पर हमला किया गया, साथ ही तेल जहाजों को जब्त किया गया था।
साल 2015 की परमाणु संधि पर दस्तखत करने वाले राष्ट्रों ने रविवार को वियेना में मुलाकात की थी ताकि इस समझौते को बचाया जा सके। अमेरिका ने इस समझौते से बीते वर्ष हाथ खींच लिए थे, इसने तेहरान और वांशिगटन के संबंधों को बिगाड़ दिया था।
ईरान की तरफ से तीन मिसाइल परीक्षण को तेहरान के तरफ से एक संकेत के तौर पर देखा जा सकता है कि वह झुकने के लिए तैयार नही है। व्हाइट हाउस ने बयान में कहा कि वह ईरान द्वारा दागी गयी मिसाइल की रिपोर्ट्स से वाकिफ है लेकिन अधिकारी ने ज्यादा जानकारी मुहैया करने से साफ इंकार कर दिया था।