आतंकवाद का खात्मा करने के लिए अमेरिका के अपनी नई रणनीति का ऐलान किया है। इस रणनीति के तहत एक आतंकी समूहों की एक सूची जारी की गयी है जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादी समूहों को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया है।
वाइट हाउस द्वारा जारी सूची के मुताबिक आईएसआईएस और अल-कायदा सहित दर्जनों आंतकी समूह मिलकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आभियान चला रहे हैं। हालांकि यह आतंकी समूह अमरीकी रणनीतियों और क्षेत्रीय प्रभाविकता से भयभीत है।
अमेरिकी विभाग ने बताया कि बोको हरम, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूह सरकार पर दबाव बनाने के लिए राजनितिक और आतंकी हथकंडे अपनाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक ये आतंकी समूह अमेरिका के प्रतिरोधी है। यह समूह विश्व में अपने आंतकी गुर्गों का जाल बीछा रहे हैं साथ ही आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकी समूहों के साथ समझौते के लिए संपर्क साधे हुए हैं। यह आतंकी समूह अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए विवाद, अस्थिरता, राजनैतिक और धार्मिक परेशानियों के द्वारा कमजोर सरकारी नेतृत्व का शोषण करते हैं।
यह समूह इस्लामिक समुदाय की एकजुटता के लिए पश्चिमी मुस्लिम बहुल देशों में अपनी पैंठ जमाना चाहते हैं।
इन आतंकी समूहों ने अमेरिकी आतंकी विरोधी हथियारों से निपटने का तोड़ निकाल लिया है।
उग्र इस्लामिक समूहों की हिंसक विचारधारा होती है और इस विचारधारा का प्रयोग नए लोगों को आंतकी समूह में बिना सवाल पूछे उनके मकसद और निर्देशों को स्वीकार करना है।
रिपोर्ट के मुताबिक विष में ऐसे देश मौजूद है जो विवादों को भड़काकर और आतंक को वैध करके आतंकी समूहों के प्रयासों को सार्थक बनाने में मदद करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआईएस सबसे बड़ा आतंकी समूह है जिसका पहला मकसद यूएस में आतंकी हमला करना है। उन्होंने कहा अमेरिका सीरिया और इराक से इन आतंकियों का नामोनिशान मिटा देगा।
अलकायदा आतंकी समूह कई इलाकों में अपने समूह की पैंठ बढाने पर कार्य कर रहा है। जिसका मकसद अमेरिका और उसके सहयोगियों पर हमला करना है।