अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेन्स ने कहा कि आंग सान सू की को बिना किसी बहाने के रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार करने वाले सैनिकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। माइक पेन्स ने कहा कि साथ ही सू की को एक वर्ष पूर्व गिरफ्तार किए गए दो पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए।
सिंगापुर में आयोजित एशिया पैसिफिक को बैठक के इतर रोहिंग्या मुस्लिमों ने कहा कि म्यांमार की सेना के इन दमन के कारण 70 हज़ार रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश में पनाह लेनी पड़ी थी। पिछले साल अगस्त में रखाइन प्रान्त में म्यांमार की सेना ने अभियान छेड़ा था। इस अभियान में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया था।
आन सान सू की ने कहा कि लोगों के भिन्न विचारधाराएं हो सकती है ईयर एक दूसरे को बेहतर समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप अपने देह को औरों से बेहतर समझते हैं। एमनेस्टी इंटेरनेशनल ने इस हफ्ते आन सान सू की से सर्वोच्च सम्मान वापस ले लिया था। उन्होंने तर्क दिया कि सू की ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर हुए अत्याचार के खिलाफ कुछ नही बोला था।
माइक पेन्स ने कहा कि अमेरिका म्यांमार में मुक्त और निष्पक्ष मीडिया चाहता है। व्हाइट हाउस ने बताया कि पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाबत अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कई बार पत्रकारों से माफी मांगने के लिए सू की पर डब्व बनाया था। गिरफ्तारी के दौरान पत्रकार 10 रोहिंग्या मुस्लिमों की हत्या की जांच कर रहे थे।
इस रिपोर्ट को रायटर्स ने 8 फरवरी को प्रकाशित किया था। सू की ने कहा कि पत्रकारों की गिरफ्तारी से अभिव्यक्ति की अज़ादी से कोई लेना देना नहीं है। वे पत्रकार है इसलिए उनको गिरफ्तार नही किया गया बल्कि उन्होंने ऑफिसियल सीक्रेट लॉ का उल्लंघन किया था।