अफगानिस्तान के आतंकी समूह तालिबान के बम विस्फोट से अमेरिकी सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। इसके आलावा तीन सैनिक घायल और एक अमेरिकी कांट्रेक्टर घायल हो गया था। यह बम हमला दक्षिण पूर्वी प्रांत की घजनी शहर में हुआ था। पेंटागन ने अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियान को साल 2014 में अंत करने का ऐलान किया था। लेकिन इसके बाद तालिबान ने अफ्गानिस्तान के कई भागों में अपनी पहुंच बढाई है।
घटना स्थल पर मौजूद गवाह ने बताया कि अमेरिकी राजदूत राजमार्ग को पार कर रहे थे, तभी राजदूत रोड के किनारे आ गए वहां हर जगह कोहरा छाया हुआ था। चंद मिनटों में सड़क बंद हो गयी , एक हेलिकॉप्टर आया और शव को ले गया।अमेरिकी और अफगानिस्तान की सने निरंतर विवादों में फंसी रहती है।
साल 2014 के बाद तालिबान का उदय
अफगानिस्तान में अमेरिकी जंगी आन्दोलन की शुरुआत साल 2014 के अंता में शुरू हुआ था। लेकिन इस अभियान के बाद तालिबान ने अपने इलाके ला फैलाव किया है और अधिक अफगान सैनिकों और पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। हाल ही में राष्ट्रपति अशरफ गनी ने खुलासा किया कि साल 2015 से 28529 अफगान सुरक्षा सैनिकों की हत्या हुआ है और अनुमानित 25 हत्या रोजाना होती है।
साल 2015 में 10, साल 2016 में नौ और साल 2017 में 11 अमेरिकी सैनिकों की हत्या हुई थी। अमेरिकी युद्ध अभियान में साल 2018 में 12 इ सैनिकों की हत्या हुई है। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका की जंग जारी रहेगी क्योंकि यह जानकारों का मानना है।
अल कायदा की वापसी
अफगानिस्तान में मात्र तालिबान ही अमेरिका की परेशानी का सबब नहीं है बल्कि तीन दिन पूर्व अल कायदा ने एक अमेरिकी सैनिक को गोलीबारी में मार दिया था। सेना के मुताबिक अमेरिकी सैनिक को अफगान सैनिक ने मार दिया था। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साल 2015 में अफगानिस्तान में अमेरिकी अभियान का बहाल करने का आदेश दिया था और डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगान में सैनिकों की संख्या में इजाफा भी किया है। हालांकि फिनर भी अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तानी सरजमीं पर आतंकियों की संख्या के मुकाबले काफी कम है।
अफगानिस्तान में 14 हज़ार अमेरिकी सैनिक है और इसमें से आधे ट्रेनर और लोजिस्टिक सैनिक है। साल 2012 में अफगानिस्तान की सरजमीं पर 140000 अमेरिकी सैनिक और अन्य विदेशी सैनिक थे।
अफगान सैनिकों द्वारा हमला
अफगान सैनिकों द्वारा अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया जाना दोनों देशों की सेनाओं के मध्य मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न कर रही है। इस वर्ष गठबंधन के 17 सैनिकों की मौत हुई है जिसमे से चार की अफगानिस्तान के सैनिक ने ही हत्या की है। बीते माह अफगान पुलिस के कमांडर ने अमेरिकी कमांडर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी।