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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

    चीन ने अमेरिका का अन्तरिक्ष में हथियार की तैनाती करने का विरोध किया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने सेना के अन्तरिक्ष अभियान को नियंत्रित करने के लिए नए कमांड सेंटर के निरामं का आदेश दिया था, जिसका चीन ने विरोध किया है।

    चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुन्यिंग ने कहा कि चीन हमेशा अन्तरिक्ष का शांतिपूर्ण इस्तेमाल के समर्थन में रहा है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा अंतरिख को हथियार बंद करने और हथियार रेस के विरोध में करता रहा है। उन्होंने कहा कि चीन अन्तरिक्ष को एक नए युद्ध क्षेत्र में तब्दील होने की आलोचना करते हैं।

    मंगलवार को डोनाल्ड ट्रम्प ने अन्तरिक्ष में एक नए “कमांड सेंटर” के निर्माण का आदेश दिया था, ताकि सैन्य अन्तरिक्ष अभियानों को नियंत्रित किया जा सके। जून में डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पेस फाॅर्स को बनाने की बात कही थी, जो सेना की एक नई शाखा होगी।

    उन्होंने कहा था कि ऐसे कदम अन्तरिक्ष में अपनी कमजोरियों पर काबू पाने के लिए आवश्यक है और अन्तरिक्ष में अमेरिकी प्रभुत्व की बात कही थी। हालांकि आलोचना के कारण यह डील पूरी नहीं हो सकी और इसे अभी कांग्रेस से मंज़ूरी मिलना बाकी है। सभी अधिकारी अन्तरिक्ष सेना के नए विभाग और लागत को लेकर चिंतित है।

    चीन ने बीते वर्षों में अपनी अन्तरिक्ष क्षमताओं का विस्तार किया है। इस माह की शुरुआत में चीन ने चाँद की दूर एक रोवर को लांच किया था, जो चीन की अन्तरिक्ष महाशक्ति बनने की महत्वकाँक्षा को पूर्ण कर सकता है। साल 2013 में चीन ने चाँद पर पहला प्रोब या जांच करने वाला यंत्र “युतु या जेड रैबिट लांच किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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