Mon. Dec 23rd, 2024
    smriti irani aur rahul gandhi

    4 जनवरी शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में होंगे। हालाँकि पहले उनका कार्यक्रम सुबह अमेठी पहुँचने का था लेकिन संसद में राफेल मुद्दे पर बहस के कारण उन्होंने अपने कार्यक्रम में थोडा बदलाव किया। पहले राहुल लखनऊ के अमौसी एअरपोर्ट पर उतरने वाले थे लेकिन अब वो रायबरेली के फुर्सतगंज एअरपोर्ट पर उतरेंगे उसके बाद अपने संसदीय क्षेत्र जायेंगे। राहुल अपने संसदीय क्षेत्र में 2 दिनों तक रहेंगे और कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।

    4 जनवरी को ही राहुल गांधी की प्रतिद्वंदी केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी भी अमेठी में होंगी। एक महीने में ये उनका दूसरा अमेठी दौरा है। एक दिन दिन राहुल और स्मृति दोनों के अमेठी में होने के कारण अमेठी का सियासी पारा चरम पर होगा।

    2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी को टक्कर देने के लिए भाजपा ने स्मृति इरानी को अमेठी के मैदान में उतारा था। स्मृति राहुल को हरा तो नहीं सकी लेकिन उन्होंने राहुल की जीत के अंतर को जरूर कम कर दिया था। कांग्रेस को लगा कि 2014 का चुनाव ख़त्म होते ही राहुल गाँधी के लिए चुनौतियाँ ख़त्म हो गई लेकिन भाजपा ने दूर तक सोच रखा था।

    अमेठी में राहुल को टक्कर देने का इनाम भाजपा ने स्मृति को दिया। पार्टी ने उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया। चुनाव हारने के बाद भी स्मृति ने अमेठी से नाता नहीं तोडा और हर महीने दो महीने पर अमेठी का चक्कर लगाती रहती है।

    अमेठी में स्मृति की लगातार सक्रियता से कांग्रेस में बेचैनी है। भाजपा स्मृति को 2019 में दुबारा राहुल के सामने उतारेगी ये तय है और इसी कारण भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भी अमेठी को छोड़ा नहीं है। स्मृति के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अमेठी का दौरा कर चुके हैं। अपनी पिछली अमेठी दौरे पर स्मृति ने क्षेत्र को 77 करोड़ रुपये के योजनाओं का सौगात दिया था।

    एक ही दिन राहुल और स्मृति दोनों के अमेठी में होने के कारण तीखी बयानबाजी देखने को मिल सकती है। जहाँ एक तरफ राहुल राफेल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साध सकते हैं वहीँ स्मृति भी राहुल को मिशेल के ‘मिसेज गाँधी’ वाले बयां को लेकर घेर सकती हैं।

    भाजपा ने जहाँ राहुल को अमेठी में 2019 में घेरने की पूरी तैयारी कर ली है वहीँ कांग्रेस इस बार स्मृति को 2014 के तरह हलके में लेने की गलती दोहराना नहीं चाहती।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *