Sun. Nov 17th, 2024
    रिलायंस जियो

    रिलायंस जिओ आज की तारीख में टेलिकॉम सेक्टर का एक बड़ा चेहरा बन चुका है। आप को जानकारी के लिए बता दें जिस तरीके से देश में डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है, उसे देखते हुए रिलांयस जियो अब अपने विशाल नेटवर्क तथा लाखों कस्टमर्स के जरिए ई-कॉमर्स मार्केट में भी हाथ आजमाने की तैयारी कर रहा है।

    कंपनी का कहना है कि वो कॉर्नर स्टोर, किराना की दुकानों तथा अन्य कंज्यूमर ब्रैंड्स के संपर्क में हैं, अब कंपनी के उपभोक्ता जियो मनी प्लेटफॉर्म अथवा टैक्सट मैसेज से डिजिटल कूपन के जरिए पड़ोस की दुकानों से ही खरीददारी कर सकेंगे। फिलहाल इस पायलट प्रोजेक्ट से जुड़े कई बड़े स्टोर्स और टॉप क्लास ब्रैंड्स मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद में ई-बिजनेस कर रहे हैं, संभव है यह योजना अगले साल अन्य शहरों में भी विस्तारित की जाए।

    गौरतलब है कि पिछले एक साल में तीव्र गति से जियो के 13.2 करोड़ कंज्यूमर्स बढ़े हैं। हमें ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन ई-कॉमर्स में प्रवेश कर चुकी पेटीएम और फोनपे कंपनियों पर भी ध्यान देना चाहिए जो कॉर्न स्टोर तथा अन्य ब्रैंडस से जुड़कर बिजनेस कर रही हैं। इन फर्मों के पास अपने नेटवर्क का आक्रामक रूप से विस्तार करने के लिए निवेशकों का मजबूत समर्थन भी प्राप्त है। ईकॉमर्स दिग्गज कंपनियां अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट भी अपने किराने के सामानों के डिलीवरी बिजनेस में ज्यादा रकम निवेश करती दिख रही हैं।

    ई-कॉमर्स सेक्टर का विस्तार

    हांलाकि रिलायंस जियो ने ई-कॉमर्स सेक्टर के बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। जियो जैसी दिग्गज कंपनियां ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन बिजनेस मॉडल को रणनीतिक आयाम देने में लगी हुई हैं। आप को बता दें कि भारत में करीब 650 अरब डॉलर का खुदरा व्यापार होता है, वहीं केवल 3-4% ईकॉमर्स सेक्टर है। अन्य 8 फीसदी में संगठित खुदरा विक्रेता हैं, जो शॉपर्स स्टॉप और बिग बाजार जैसे स्टोर्स से नियंत्रित ​होते हैं। बाकी 88 से 89 फीसदी बाजार में उपलब्ध छोटी दुकानें या नुक्कड़ स्टोर्स हैं।

    हांलाकि अभी तक जियो के ईकॉमर्स बिजनेस मॉडल को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और अन्य शहरों में चालू पायलट प्रोजेक्ट से मिले इनपुट के आधार पर अभी कई बदलाव किए जाएंगे। रिलायंस जियो ने अपनी पायलट प्रोजेक्ट के लिए आईटीसी, विप्रो, डाबर, टाटा बेवरिजेज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और अमुल को भी शामिल किया है।

    कंपनी के कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि जियो ने करीब 15 से 20 ब्रैंड्स को इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए नामित किया है। इस अधिकारी ने बताया कि रिलायंस जियो सबसे पहले कंज्यूमर्स ब्रैंड्स से जुड़ने की कोशिश करेगा, तत्पश्चात जैसे-जैसे वितरण नेटवर्क का विस्तार होगा, इस पायलट प्रोजेक्ट को कॉर्न स्टोर्स से भी जोड़ा जाएगा।

    ‘जियो’ के पायलट प्रोजेक्ट का संचालन

    अपनी वर्तमान योजना के तहत जियो अपने मोबाइल यजूर्स को ​उनसे संबंधित विशेष ब्रैंड के प्रोडक्ट के लिए डिजिटल कूपन भेजेगा, अब यूजर्स इस डिजिटल कूपन के सहारे इन ब्रैंड्स की खरीददारी पड़ोस के किसी स्टोर से आसानी से कर सकेंगे। यह डिजिटल कूपन उन्ही स्टोर्स पर मान्य होगा जो जियो द्वारा नामांकित होंगे।

    जियो अपने ब्रैंड्स पार्टनर्स को प्रोडक्टस के प्रमोशल आॅफर्स अपने कस्टमर्स को भेजने की अनुमति देगा। जियो के कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि इससे प्रोडक्टस मेकर्स और खुदरा विक्रेताओं के बीच सहज कनेक्टिविटी तो होगी ही साथ में समय पर विशेष आॅफर्स की जानकारी देने के साथ कस्टमर्स में उत्पादों की बिक्री भी ​बढ़ेगी।