रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त अमृतसर रेल हादसे की जांच करेंगे जिसमे दशहरा की शाम रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोगों के ऊपर पैसेंजर ट्रेन चढ़ गई थी। इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई थी।
हादसे के अगले दिन रेलवे ने इसे अतिक्रमण का केस कह कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था।
उत्तर रेलवे की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार दुर्घटना की जांच 4 नवम्बर से शुरू होगी।
रेलवे की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के जरिये उनलोगों को आमंत्रित किया है जिनके पास इस दुर्घटना से सम्बंधित कोई भी जानकारी है।
घटना के बाद से ही रेलवे इसकी जांच की मांग को ठुकराता रहा है। रेलवे ने कहा था कि ये दुर्घटन मानवीय गलती है। अपनी सुरक्षा को अनदेखा कर के रेलवे ट्रैक पर खड़े होने पर रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।
अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह उझला ने 23 अक्टूबर को रेल मंत्री पियूष गोयल से मुलाक़ात कर रेलवे सुरक्षा कमिश्नर से इस घटना की जांच करने की मांग की थी। रेलवे ने कहा कि उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए है जो 4 नवम्बर से शुरू हो जायेगी।
क़ानून के अनुसार ऐसे मामलो में रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा जांच का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन ये अस्वीकार्य भी नहीं है इसलिए रेलवे ने इस दुर्घंट्ना की जाँच कराने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि अमृतसर के पास दशहरा की शाम रेलवे ट्रैक के किनारे रावण दहन का कार्यक्रम हो रहा था। लोग ट्रैक पर खड़े हो कर रावण दहन देख रहे थे कि तभी जालंधर की तरफ से आती पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ जाने के कारण लगभग 60 लोगों की मृत्य हो गई थी।