“अमृतसर रेल हादसा” जिसमे लगभग 60 लोगो की जानें गयी थी, उस मामले में मजिस्ट्रेट जांच ने पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को सभी इल्ज़ामो से बरी कर दिया है। नवजोत दशहरा वाले समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वहां उपस्थित थीं।
जलंधर डिवीजनल आयुक्त बी पुरुषार्थ ने सरकार की तरफ से एक विशेष कार्यकारी मजिस्ट्रेट को इस हादसे की जाँच के लिए नियुक्त किया था। इस हादसे में, एक कांग्रेस काउंसिलर के बेटे जिन्होंने इस कार्यक्रम का आयोजन किया और साथ ही साथ अमृतसर जिला प्रशासन, नगरपालिका निगम, रेलवे और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है। सूत्रों के मुताबिक, 19 अक्टूबर वाली शाम, जोदा फाटक के पास भीड़ रावण दहन देख रही थी जब एक ट्रैन वहा से गुजरी और कई लोगो को अपने चपेट में ले लिया।
पिछले महीने, 300 पन्नो की एक रिपोर्ट, पंजाब के गृह सचिव को सौपी गयी। उस रिपोर्ट में लिखा था कि कांग्रेस काउंसिलर के बेटे सौरभ मिथु मदान जो सिद्धू के अच्छे दोस्त हैं, उन्हें लोगो की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए थे। रिपोर्ट ने अमृतसर प्रशासन और नगर पालिका अधिकारियों को सुरक्षा उपाय ना लेने पर और समारोह को ऐसी जगह आयोजित करने की अनुमति देने पर भी उन्हें दोषी ठहराया। दोषियों की कड़ी में रेलवे विभाग भी आया जिनके ऊपर ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का इलज़ाम है जब उन्हें पता था कि आगे पटरियों पर काफी भीड़ लगी हुई है।
गृह विभाग ने ये रिपोर्ट, पंजाब के मुख्यमंत्री कप्तान अमरिंदर सिंह के सामने रख दी है ताकी इसपर आगे की कार्यवाई हो सके।
विपक्षी अकाली दल ने पहले मजिस्ट्रेट जांच की संस्था को खारिज कर दिया था और नवजोत कौर सिद्धू और समारोह आयोजक के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की थी और दावा किया था कि इस हादसे के बाद पीड़ितों की परवाह किये बिना नवजोत तुरंत उस घटनास्थल से भाग आई थीं।