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    amulya sen

    कोलकाता, 1 जून (आईएएनएस)| वरिष्ठ पर्वतारोही अमूल्य सेन का शुक्रवार रात उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास पर हृदयाघात से निधन हो गया। पारिवारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

    लगभग 80 वर्षीय सेन के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी हैं।

    शिक्षण सत्र 1960-61 में दार्जिलिंग स्थित हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट में पर्वतारोहण के शुरुआती तथा उन्नत पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने के बाद सेन का पर्वतारोहरण के प्रति प्यार बढ़ गया।

    वह गढ़वाल में नीलगिरी पर्वत अभियान के अगुआ थे और 1962 में पहली बार चोटी पर पहुंचे। उन्होंने 1964 में कुमुन हिमालय में पंचचुली और सिक्किम हिमालय में माउंट राथोंग तक एवरेस्ट के पूर्व-अभियानों में भी हिस्सा लिया।

    वह साल 1965 में चंद्रा की चोटी पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। वह 1993 में माउंट एवरेस्ट जाने वाले दल के भी अगुआ थे।

    सेन को भारत सरकार ने नेशनल एडवेंचर अवार्ड (तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड), पश्चिम बंगाल सरकार ने तेनजिंग अवार्ड और देश में पर्वतारोहण और रोमांचक खेलों में उनके योगदान के लिए विभिन्न संगठनों ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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