बिहार की राजनीति इन दिनों बड़े ही रोमांचक मोड़ पर हैं। रुठना-मनाने से मिलने-बुलाने तक बिहार की राजनीति में हमें सब कुछ देखने को मिल रहा हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दोबारा भारतीय जनता पार्टी से खफ़ा चल रहे है।
सूत्रों की माने तो जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार इन दिनों लोक सभा चुनावो में सीटों के बट-वारे को लेकर चिंतित चल रहे हैं। बता दे कि महागठबंधन के टूट जाने के बाद बिहार में जदयू और भाजपा ने मिलकर गठबंधन से सरकार बनाई जिसमें नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह गुरूवार को नीतीश कुमार से मिलने पटना पहुंचे। पहुँचते ही वो नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे जहाँ दोनों ने साथ में नाश्ता किया। सवेरे दोनों ने ज़्यादा देर बात नहीं करी और अमित शाह उसके बाद मीडिया से बिना मुखातिब हुए सीधा पार्टी दफ्तर चले गए और नीतीश कुमार भी बिना कोई जवाब दिए चले गए।
अब आज रात को फिर से दोनों कि मुलाकात नीतीश कुमार के आवास पर होगी जहाँ दोनों साथ में रात्रि भोज करेंगे एवं सीटों के बटवारे पर विचार विमर्श करेंगे। गौरतलब हैं कि नीतीश कुमार ने सीटों को लेकर अपनी मंशाएं साफ़ कर दी हैं कि उनकी पार्टी किसी भी तरीके का समझौता नहीं करेगी एवं ज़रूरत पड़ी तो अकेले ही चुनाव लड़ लेगी।
बहरहाल भाजपा कि मुश्किलें बिहार में बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि उसे जदयू समेत पासवान कि पार्टी से भी समझौता करना हैं और पिछली बार के लोक सभा चुनावो के प्रदर्शन को देखकर भाजपा अपनी सीटों में भी कटौती नहीं करेंगी। अब देखना यह रोमांचक होगा कि अमित शाह किस तरीके से सभी दलों को शांत करते हैं एवं कैसे सब को साथ लेकर चलते हैं क्योंकि बिहार में उसका मुकाबला लालू प्रसाद और कांग्रेस के गठबंधन से हैं जिसे वह हरगिज़ हलके में नहीं लेना चाहेगी।