नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)| आधुनिक भारतीय राजनीति के ‘चाणक्य’ के नाम से चर्चित अमित शाह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे सफल अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाने के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल हो गए।
शाह को वित्त मंत्रालय दिए जाने की उम्मीद है। इससे पहले यह विभाग अरुण जेटली देख रहे थे। बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखने का आग्रह किया था।
मोदी के बाद शाह ही वह शख्स हैं जिन्होंने राष्ट्रवाद और प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के इर्द-गिर्द व्यवस्थित रूप से पार्टी के अभियान को बनाया और चलाया।
2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से ही लगातार चुनावी मोड में रहे शाह को लोकसभा चुनाव में भाजपा की शानदार जीत के बाद मोदी ने पुरस्कृत किया है।
शाह ने 2013 में राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया, लेकिन उनके संगठनात्मक प्रशिक्षण और भारत भर में व्यापक यात्रा ने उन्हें हिंदी पट्टी की राजनीति की बारीकियां सीखने में मदद की।
कुछ ही समय में उत्तर प्रदेश में शाह ने भाजपा की रूपरेखा बदल दी। इससे पहले राज्य में पार्टी को लंबे समय तक अगड़ी जातियों की पार्टी के रूप में देखा जाता था।
2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनावों में शाह ने पहले भाजपा के व्यापक राजनीतिक ढांचे के भीतर एक मजबूत सभी जातियों का गठबंधन बनाया।
उन्होंने छोटे क्षेत्रीय संगठनों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कर चर्चित इंद्रधनुष गठबंधन को मजबूत किया।
परिणामस्वरूप, भाजपा ने 2014 में उत्तर प्रदेश में 71 लोकसभा सीटें जीतीं और पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया।
शाह ने राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी भाजपा को जीत दिलाई जिनमें हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और दूसरे राज्य शामिल हैं।
शाह ने आम चुनाव में गुजरात की गांधीनगर सीट से जीत दर्ज की।
नरेंद्र मोदी के प्रबल समर्थक शाह कम उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 22 अक्टूबर 1964 को जन्मे शाह विज्ञान स्नातक हैं। वह कालेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और तभी से सक्रिय राजनीति में हैं। बतौर मंत्री उन्होंने गुजरात सरकार के कई मंत्रालयों में अपनी सेवा दी थी।