आने वाले लोक सभा चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कमर कस ली है। एक-एक कर के अमित शाह अलग-अलग राज्यों में भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से मिलकर भावी चुनावों कि रणनीति तैयार कर रहे हैं।
जैसा कि 2014 में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने किया था। उन्हीं कि रणनीति कि बदौलत भाजपा ऐतिहासिक प्रदर्शन करने में कामयाब रही थी।
मोदी सरकार में मंत्रालय संभालने के बाद पार्टी कि कमान अमित शाह को मिली जिन्होंने चाणक्य कि तरह पार्टी का नेतृत्व कर भाजपा को काफी चुनावों में जीत दिलाई एवं भाजपा का मनोबल ऊँचा किया।
आने वाले चुनावों को लेकर अमित शाह इन दिनों दक्षिण भारत के दौरे पर हैं। जहाँ वे हाल ही में तेलंगाना में भाजपा के स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ताओं से मिले। इस मुलाकात का असली मक़सद पार्टी कि स्थिति को तेलंगाना में मज़बूत करना हैं।
तेलंगाना में अगले साल लोक सभा एवं स्थानीय चुनाव एक साथ हैं। और इस समय वहां पार्टी कि स्थिति काफी ख़राब है। कुल 17 लोक सभा सीटों में से पार्टी के पास केवल एक सीट हैं एवं 119 स्थानीय सीटों में से केवल 5 ही सीटें हैं।
भाजपा को अगर आने वाला चुनाव जीतना हैं तो उसे दक्षिण भारत में अपनी स्थिति मज़बूत करनी होगी अन्यथा उसके लिए बहुमत लाना काफी कठिन हो जाएगा।
उत्तर भारत जैसे दिल्ली उत्तर प्रदेश एवं उत्तरांचल में पार्टी कि स्थिति काफी मज़बूत है। वही मज़बूती उसकी गुजरात एवं महाराष्ट्र में भी हैं परन्तु दक्षिण भारत जैसे तमिल नाडु, केरल में उसकी उपस्थिति केवल नाम मात्र ही हैं।
तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के.लक्ष्मण ने भी कहा कि आने वाले चुनावों में भाजपा चाहेंगी कि वह ज़्यादा से ज़्यादा सीटें जीते एवं अपने आँकड़े सुधारे। इस वक्त तेलंगाना में ‘तेलंगाना राष्ट्रीय समिति’ की सरकार हैं।