श्रीनगर, 26 जून (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दावे के बावजूद कि अलगाववादी हुर्रियत नेता वार्ता के लिए तैयार हैं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्य के बुधवार से हो रहे अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान उन्हें कोई सुलह का प्रस्ताव देने की संभावना नहीं हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। अमित शाह का जम्मू एवं कश्मीर पहुंच चुके हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि मलिक व केंद्रीय गृह मंत्रालय कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के साथ वार्ता के संदर्भ में एकमत नहीं हैं।
सूत्रों ने कहा कि मलिक, केंद्र और अलगाववादियों के बीच बातचीत पर गतिरोध को तोड़ने के पक्षधर हैं, या कम से कम वह निकट भविष्य में ऐसी संभावना के पक्षधर हैं।
शीर्ष सूत्रों ने कहा, “प्रधानमंत्री कार्यालय व गृह मंत्रालय की इस वार्ता को लेकर पूरी तरह से अलग राय है।”
शाह के करीबी सूत्रों के अनुसार, शाह अलगाववादियों के साथ बातचीत के मोर्चे पर कुछ नहीं करेंगे।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “शाह अलगाववादी नेतृत्व से हाथ मिलाने के बजाय अलगाववादी हिंसा से लड़कर शांति लाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे यह छाप छोड़ी जा सके कि दिल्ली की मौजूद राजनीतिक व्यवस्था पहले की व्यवस्थाओं से अलग है।”
मलिक आतंकवाद की कमर तोड़ने के साथ ही अलगाववादियों के साथ खुले तौर पर बातचीत के भी समर्थक रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र में भाजपा सरकार की छवि से यह मेल नहीं खाता है, जिसे सभी अलगाववादी आकांक्षाओं से मजबूती व बिना समझौता किए निपटने का भारी जनादेश मिला है।