इंडियन प्रीमियर लीग के एलिमिटनेटर मैच में दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच आखिरी ओवर में ड्रामा देखने को मिला, जब अमित मिश्रा बल्लेबाजी कर रहे थे और गेंद को मारकर वह विकेट को बीच भागने लगे— जिसके लिए खलील अहमद द्वारा अपील कि गई और उसके बाद उन्हे फील्डर को बाधा पहुंचाने (ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड) के नियम के चलते आउट दे दिया गया।
Last over drama: Amit Mishra obstructs field https://t.co/6dsJvgO4ev via @ipl
— gujjubhai (@gujjubhai17) May 8, 2019
आईपीएल इतिहास में ऐसा रन ऑउट इससे पहले एक ही बार हुआ है और यह 2013 आईपीएल में पुणे वॉरियर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच में हुआ था जब युसुफ पठान विकेट के बीचो-बीच दौड़ रहे थे और ‘ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड’ के कारण उन्हे आउट दे दिया गया था।
बर्खास्तगी का यह रूप, जैसा कि मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब द्वारा स्थापित क्रिकेट के कानून 37 में उल्लिखित है, यह निर्धारित करता है कि अगर बल्लेबाज़ किसी भी समय गेंद खेल रहा है और बिना किसी क्षेत्ररक्षक की सहमति के, अपने बल्ले या किसी भी हिस्से का उपयोग करता है। अपने व्यक्ति को, किसी भी फील्डर को गेंद वापस करने के समय, वह आउट हो जाएगा।
विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि मिश्रा ने अपने रन के बीच में अपना पाठ्यक्रम बदलना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि वह रन पूरा नहीं कर पाएंगे। उस समय खलील अहमद गेंदबाजी कर रहे थे और यह गेंद मिस होकर विकेटकीपर के पास चले गए थी, लेकिन मैच रोमांचक मौड़ पर था और मिश्रा रन के लिए दौड़ गए। विकेटकीपर द्वारा फेंकी गई गेंद स्टंप पर मिस हो गई और खलील अहमद के पास पहुंची और लग रहा था कि अमित मिश्रा क्रीज पर नही पहुंच पाएं इसलिए वह विकेट के एकदम बीच दौड़ने लगे और खलील अहमद द्वारा थ्रो की गेंद उनके हाथ पर लग गई।
क्षेत्ररक्षक सीधे अपील में चले गए और अंपायरों ने संकेत दिया कि स्पष्टता के लिए समीक्षा की जाएगी। साथ ही रिव्यू को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति थी।
हालांकि, मिश्रा द्वारा लिया गया रन दोबारा देखा गया और जिसमें दिखा कि वह अपने शरीर से गेंद को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
लेकिन इस विकेट का दिल्ली के खेल के ऊपर कोई खासा असर नही पड़ा क्योंकि टीम ने आसानी से मैच जीत लिया था और अब टीम 10 मई को चेन्नई के खिलाफ दूसरा क्वालीफायर मैच खेलेगी।