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    इस साल एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुके भारत के पुरुष पहलवान अमित धनकड़ इस समय अर्जुन की भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। जिस तरह अर्जुन को मछली की आंख दिखाई दे रही थी, उसी तरह अमित को अगले साल ओलम्पिक खेल दिखाई दे रहे हैं और इसी के लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

    कुश्ती के नेशनल्स 29 नवंबर से शुरू हो रहे हैं, जिसमें अमित हिस्सा लेंगे। लेकिन उनका फोकस तो ओलम्पिक है और यह नेशनल्स उन्हें सिर्फ अपनी तैयारियों को परखने का मंच जान पड़ रहा है, जहां वह 74 किलोग्राम भारवर्ग के बाकी पहलवानों से टक्कर लेंगे और अपने खेल का आंकलन करेंगे।

    अमित ने मुसासी प्रोटीन पाउडर के लांच के मौके पर आईएएनएस से बातचीत में आगामी नेशनल्स की तैयारी पर पूछे गए सवाल पर कहा, “नेशनल्स हैं, लेकिन मेरा लक्ष्य मार्च में होने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर हैं। नेशनल्स में 74 किलोग्राम में सभी बड़े खिलाड़ी खेलेंगे, जिनमें सुशील कुमार हैं, प्रवीण राणा हैं। ओलम्पिक क्वालीफायर के लिए जो ट्रायल होनी है, एक तो शायद नेशनल्स में ही हो जाएगी, जो पहले स्थान पर रहेगा वह क्वालीफायर खेलेगा। नहीं तो बाद में भी इसके लिए ट्रायल्स ले सकते हैं, इस बात पर महासंघ ने हालांकि अभी स्थिति साफ नहीं की है।”

    74 किलोग्राम भारवर्ग वह कैटेगरी है, जो सुशील कुमार और प्रवीण राणा की लड़ाई के कारण विवादों में रही है। कई बार सुशील को बड़े टूर्नामेंट्स के लिए फायदा पहुंचाया गया है, जिसका प्रवीण ने विरोध किया था।

    अमित कहते हैं कि ट्रायल्स का आयोजन होना चाहिए और जो इसमें जीते उसे आगे जाना चाहिए।

    वह कहते हैं, “जितने भी पहलवान हैं, सभी अच्छा करने के बारे में सोचेंगे, जिसका दिन होगा वह जीतेगा। ट्रायल्स होनी चाहिए और जो ट्रायल में जीते उसे ही आगे जाना चाहिए।”

    अमित अच्छा करने के लिए आत्मविश्वास से भरपूर हैं, जिसका कारण उनका इस साल किया गया प्रदर्शन है, “अभी तक मेरा यह साल अच्छा रहा है। यह साल मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है क्योंकि मैंने नेशनल्स निकाला था और फिर एशियाई चैम्पियनशिप में रजत जीता था। अब देखते हैं कि 2020 कैसा रहता है। मेरी कोशिश तो यही है कि ओलम्पिक क्वालीफाई करूं और देश के लिए पदक जीतूं।”

    भारत ने कुश्ती में ओलम्पिक में झंड़े गाड़े हैं। सुशील ने 2008 और 2012 में कांस्य तथा रजत पदक जीता था और 2012 में ही योग्शेवर ने कांसा अपने नाम किया था। अगले साल जापान की राजधानी टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में बजरंग पुनिया भारत की पदक की सबसे बड़ी उम्मीद है। अमित को भी लगता है कि इस बार ओलम्पिक में भारत को कुछ नया और बेहतर देखने को मिलेगा।

    उन्होंने कहा, “सुशील कुमार ने जब ओलम्पिक पदक जीता था तब से हर कोई यह चाहता है कि वह अपने देश के लिए ओलम्पिक पदक जीते। अबकी बार ओलम्पिक में कुछ अलग देखने को मिलेगा। जो हमारा रजत रहा था वो अब स्वर्ण भी हो सकता है और हो सकता है कि हम ज्यादा पदक भी जीतें। मेरी सोच भी यही है कि मैं ओलम्पिक पदक जीतकर देश को गर्व करने का मौका दूं।”

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