महान गायक, संगीतकार, गीतकार, अभिनेता, निर्माता और लेखक किशोर कुमार गांगुली को कौन नहीं जानता। उनकी आवाज़ आज भी लोगों के जेहन में घूमती है और आज भी उनके गाने सुनकर लोग दीवाने हो जाते हैं। अब उनके बेटे अमित कुमार गांगुली जो खुद एक काबिल संगीतकार, गायक और अभिनेता हैं, वह अपने पिता पर जीवनी लिखने जा रहे हैं जिसमे उनकी पेशेवर और व्यक्तिगत ज़िन्दगी के अनसुने किस्से जानने को मिलेंगे।
बॉलीवुड हंगामा के अनुसार, एक व्यापार सूत्र ने कहा-“किशोर कुमार के शानदार व्यक्तित्व के बारे में कम ही लोग जानते थे। जबकि कुछ ने उनके बारे में कहा कि वे एक शानदार गायक होने के अलावा विचित्र हास्य वाले भी थे, वह एक बेहद बुद्धिमान, व्यावहारिक और दयालु व्यक्ति थे, जो जानते थे कि वे क्या कह रहे हैं और क्या कर रहे हैं। उनके बड़े बेटे गायक अमित कुमार, सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के रियलिटी म्यूजिक शो ‘K फॉर किशोर’ (2008) के मुख्य जजों में से एक थे। अमित कुमार ने अपनी खुद की संगीत निर्माण कंपनी भी लॉन्च की, जिसका नाम कुमार ब्रदर्स म्यूज़िक है, जिसने यूट्यूब पर कई संगीत वीडियो जारी किए और 1970 के दशक के बाद से कई बॉलीवुड और क्षेत्रीय फ़िल्मी गीत गाए, और अपने कई फिल्मों में अपने पिता के साथ मिलकर काम किया, इसलिए उनसे बेहतर कौन है अपने पिता की जीवनी लिखने के लिए?”
“अमित कुमार ने अपनी जीवनी में उन कुछ अनकही कहानियों को सामने लाने की योजना बनाई है, जिसमें उनके पिता के भारत की कुछ सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों के साथ विवाह शामिल हैं। किशोर कुमार की शादी रूमा गुहा ठाकुरता (अमित कुमार की माँ), मधुबाला और योगीता बाली से हुई थी। किशोर कुमार की शादी लीना चंदावरकर से हुई थी, जब उनका निधन हो गया और अपने छोटे बेटे सुमित कुमार को पीछे छोड़ गए थे। ऐसी खबर है, सुमित कुमार और संगीत निर्देशक-गायक बप्पी लाहिड़ी भी किताब के कुछ अध्यायों को लिखने में मदद कर सकते हैं जो किशोर कुमार के बहुत करीब थे।”
सूत्र ने आगे कहा कि किताब को बहुत ज्यादा शोध और किशोर कुमार के करीबियों से बातचीत करके लिखा जाएगा। अमित कुमार का इरादा इस किताब को विवादित या चर्चित बनाने का बिलकुल भी नहीं है और वह चाहते हैं कि ये किताब पूरी तरह से वास्तविक हो।
अमित कुमार ने खुद अपने पिता द्वारा निर्देशित और अभिनीत फिल्मों में काम किया है जिसमे से ‘दूर गगन की छाव में’, ‘दूर का राही’, ‘बढ़ती का नाम दाढ़ी’, ‘शाबाश डैडी’ और ‘चलती का नाम गाड़ी’।