कुमार ने अखिलेश के जीवन पर अस्थायी रूप से ‘स्लम सॉकर’ नामक बहुभाषी फिल्म लिखने और निर्देशित करने की योजना बनाई थी, जो नागपुर के स्लम में पैदा हुए थे और नशे के आदी थे। हालांकि, फुटबॉल के लिए उनके जुनून ने उनकी जिंदगी बदल दी और वे होमलेस वर्ल्ड कप में भारत का नेतृत्व करने गए। फिल्म निर्माता ने 11 जून, 2018 को तेलंगाना सिनेमा राइटर्स एसोसिएशन के साथ कहानी और पटकथा को पंजीकृत कराने का दावा किया है।
कुमार ने कहा-“भले ही, मराठी ब्लॉकबस्टर ‘सैराट’ के निर्देशक नागराज मंजुले ने विजय बरसे के जीवन पर एक फिल्म बनाने के अधिकार खरीदे, जो कि अखिलेश पॉल के कोच थे, उनकी फिल्म ‘झुंड’ में अखिलेश की कहानी भी एक प्रमुख भूमिका में दिखाई जाएगी, जो इस प्रकार कथित तौर पर कॉपीराइट का उल्लंघन करती है। नागराज मंजुले ने अखिलेश पॉल से 4 लाख रुपये में अधिकार खरीदने का दावा किया था, लेकिन दस्तावेजों को दिखाने से मना कर दिया। यहां तक कि अखिलेश ने भी उन्हें अधिकार बेचने से इनकार किया था। नागराज ने मुझे अपमानित किया और बिना कागजात दिखाए मामला निपटाने के लिए मजबूर किया।”
हैदराबाद स्थित फिल्म निर्माता ने यह भी आरोप लगाया कि ‘झुंड’ के निर्माताओं में से एक, सविता राज ने सितंबर 2019 में उनके निर्माता को धमकी दी कि अखिलेश पॉल के कॉपीराइट उनके साथ हैं। कुमार ने कहा कि उन्होंने अमिताभ बच्चन और नागराज और ‘झुंड’ के निर्माताओं को कॉपीराइट उल्लंघन और आपराधिक धमकी का खुलासा करते हुए एक ईमेल भेजा है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने इंडिया मूवी पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) और तेलंगाना सिनेमा राइटर्स एसोसिएशन को भी लिखा है और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से फिल्म ‘झुंड’ को सेंसर प्रमाणपत्र जारी नहीं करने का आग्रह किया है।