Sat. Nov 23rd, 2024
    भारत अमेरिका सम्बन्ध

    अमेरिकी अधिकारी ने पुष्टि की है कि ट्रम्प प्रशासन ने भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दोबारा समर्थन किया है। उन्होंने कहा वैश्विक सहयोगियों ने विश्व की चुनौतियों से मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता दिखाई है।

    दक्षिण और मध्य एशिया के अमेरिकी सचिव ने कहा कि अमेरिकी राजनीतिक सचिव डेविड हेल ने यूएन की बैठक में भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले से मुलाकात की थी।

    इस मुलाकात में दोनों सचिवों ने भारत और अमेरिका के बीच हुई 2+2 वार्ता को गति देने और द्विपक्षीय समझौते में रणनीतिक साझेदारी के विषय मे बताया। उन्होंने कहा दोनो राष्ट्र वैश्विक साझेदार है और वैश्विक चुनौतियों का सामना करेंगे। उत्तर कोरिया में परमाणु निरस्त्रीकरण से लेकर अफगानिस्तान में शांति और समृद्धि की स्थापना करेंगे।

    उन्होंने कहा भारत और अमेरिका लोकतांत्रिक विकास के कट्टर समर्थक है जो मालदीव में सच होता दिख रहा है।

    भारतीय प्रधानमंत्री ने मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में जीते विपक्षी उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को जीत की शुभकामनाएं दी थी।

    अमेरिकी सचिव ने कहा कि अमेरिका भी मालदीव की जनता को देश के भविष्य के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आवाज़ उठाने के लिए बधाई देता है। उन्होंने कहा जून में भारतीय प्रधानमंत्री के वांशिगटन दौरे के दौरान अमेरिका ने भारत का यूएनएससी में स्थायी सदस्यता और एनएसजी में सदस्यता का समर्थन किया था।

    इस दौरे के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति ने साझे बयान में कहा था कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता का भरपूर समर्थन किया था।

    भारत के ईरान के साथ तेल खरीदने के निर्णय के कारण अमेरिका को नई दिल्ली के खफा होने का अंदेशा है।

    क्या है एनएसजी ?

    परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह परमाणु सप्लाई करने वाले देशों का समूह है। अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन चीन समेत इस समूह में 48 सदस्य देश हैं। एनएसजी की स्थापना साल 1974 में हुई थी।

    इस समूह का मकसद परमाणु हथियारों के प्रचार को रोकना है। साथ ही शांति के लिए परमाणु सामान और तकनीक की पूर्ति की जाती है।

    इन समूह का सदस्य बनने के लिए परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने होते है जो भारत ने नही किये हैं। इसकी सदस्यता मिलने से भारत को परमाणु तकनीक मिलेंगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *