पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आखिरकार अपने पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ राजनीति शुरू कर दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को अगले चुनाव में पटियाला में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। सिद्धू पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में होने वाले चुनाव में उनके खिलाफ खड़े होते हैं, तो वे अपनी सुरक्षा जमा राशि भी खो देंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दावा किया कि सिद्धू केवल एक अनुशासनहीनता व्यक्ति है और उनका पीसीसी प्रमुख या डिप्टी सीएम के पद पर कोई दावा नहीं होना चाहिए।पटियाला विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार जीत चुके मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में ना खड़े होकर सिद्धू को अपनी जमानत राशि भी नहीं गंवानी पड़ेगी।
“मुझे नहीं पता कि वह कहां जाएंगे या किस पार्टी में शामिल होंगे। अकाली दल उनसे नाराज है और बीजेपी उन्हें स्वीकार नहीं करेगी, तो सबसे अधिक संभावना है कि वह आम आदमी पार्टी के साथ जाएंगे। अगर वह पटियाला से मेरे खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं तो ने भी जनरल जेजे सिंह जैसी हार का ही सामना करना पड़ेगा, जो अपनी जमानत राशि भी गंवा चुके थे।” – अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री, पंजाब
2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू भी चुप बैठने वालों में से तो नहीं है उन्होंने अमरिंदर सिंह के जवाब में, ट्वीट करते हुए कहा “बीजेपी के जनरल (प्रतिनिधि) जे.जे. सिंह, जिन्होंने 2017 का चुनाव लड़ा था, वह महज 11 प्रतिशत से चुनाव हार गए थे”
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन में उनके अपर्याप्त योगदान के बाद जुलाई 2019 में सिद्धू ने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने राज्य प्रभारी हरीश रावत को अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सब कुछ समान्य रखने का काम सौंपा था।
दिल्ली में सिद्धू और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की मुलाकात के बाद रावत ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मुलाकात की थी। बाद में उन्होंने सिद्धू को पार्टी का एक महत्वपूर्ण नेता कहा और उन्हें जल्द ही राज्य में समायोजित किया जाएगा। उनकी उपस्थिति पार्टी को मजबूत करेगी।