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    अमरनाथ यात्रा इस साल भी रद्द हो गई है। बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए हर साल होने वाली यात्रा को कोरोना महामारी के चलते रद्द किया गया है। यह लगातार दूसरा साल है जब अमरनाथ यात्रा रद्द की गई है। जम्मू-कश्मीर में इन दिनों कोविड की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है, मगर तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है। इसी के चलते एहतियातन यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है।

    1 अप्रैल से शुरू हुआ था रजिस्ट्रेशन, 28 जून से होनी थी यात्रा

    सामान्य दिनों में हर साल हजारों लोग पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर जाते हैं। इस साल यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण 1 अप्रैल से शुरू किया गया था। 28 जून से यह यात्रा शुरू होनी थी, मगर यात्रा रद्द होने से बाबा के हजारों भक्तों को मायूसी हाथ लगेगी।

    सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक

    अमरनाथ की यात्रा सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक है। कश्मीर के बालटाल और पहलगाम से यह यात्रा शुरू होती है। ये तीर्थ अनंतनाग जिले में स्थित है। अमरनाथ की गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। यहां पहुंचने का रास्ता चुनौतियों से भरा है। प्रतिकूल मौसम, लैंडस्लाइड, ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं के बावजूद लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं।

    इस तीर्थ का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां स्थित शिवलिंग पर लगातार बर्फ की बूंदें टपकती रहती हैं, जिससे 10-12 फीट ऊंचा शिवलिंग निर्मित होता है। गुफा में शिवलिंग के साथ ही श्रीगणेश, पार्वती और भैरव के हिमखंड भी निर्मित होते हैं।

    ऑनलाइन दर्शन की होगी सुविधा

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जो श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, ने बोर्ड के सदस्यों के साथ इस मुद्दे पर सोमवार को व्यापक विचार विमर्श किया और उसके बाद श्री अमरनाथ यात्रा को रद करने का फैसला किया।

    उपराज्यपाल ने बोर्ड के सदस्यों स्वामी अवधेशानंद जी, डीसी रैना, देवी प्रसाद शेट्टी, प्रो. अनीता बिलौरिया, सुदर्शन कुमार, प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री, पंडित भजन सोपोरी, डा. सीएम सेठ, त्रिपता धवन से विचार विमर्श किया गया। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव अरुण मेहता, पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, गृह विभाग के प्रमुख सचिव शालीन काबरा, बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीतिश्वर कुमार से चर्चा की। शिव भक्त आन लाइन तरीके से बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से सुबह व शाम को आरती के दर्शन कर पाएंगे। पहले की तरह पवित्र गुफा में पारंपरिक धार्मिक पूजा अर्चना की जाएगी। यात्रा सिर्फ सांकेतिक ही होगी।

    बैठक में बताया गया कि श्राईन बोर्ड ने पवित्र गुफा से आरती के सीधे प्रसारण के प्रबंध किए हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि लोगों की जिंदगी को बचाना जरूरी है। जनहित को देखते हुए यही सलाह है कि इस साल बाबा अमरनाथ की यात्रा नहीं की जाए। श्री अमरनाथ श्राईन बोर्ड लाखों शिव भक्तों की आस्था को समझता है और भावनाओं की कद्र करता है। इसलिए आरती के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई है। उपराज्यपाल ने जोर देकर कहा कि प्रथम पूजा व संपन्न पूजा करते समय कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन होना चाहिए। शात्र के अनुसार श्री पवित्र गुफा पहुंचने वाले संतों को आरती करनी है और इसके लिए कोरोना की रोकथाम के लिए दिशा निर्देशों का पालन करना होगा।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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