पश्चिम बंगाल चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को एक बार फिर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे व पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। अभिजीत ऐसे वक्त तृणमूल में शामिल हुए है, जब पार्टी टीएमसी से रिश्ते सुधार रही है।
दो बार रह चूके हैं सांसद
अभिजीत मुखर्जी मुर्शिदाबाद की जंगीपुर सीट से दो बार सांसद रहे हैं। मुर्शिदाबाद लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी का गढ़ माना जाता है। पर पिछले कुछ वर्षो में टीएमसी ने अपनी पकड़ मजबूत की है। वर्ष 2019 चुनाव में टीएमसी के खलीलुर रहमान से हार गए थे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभिजीत के टीएमसी में जाने से दोनों पार्टियों के बीच रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वहीं पार्टी के एक सांसद ने कहा कि इस वक्त ज्यादातर नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। ऐसे में अभिजीत ने टीएमसी को चुना है। टीएमसी कांग्रेस से निकली हुई पार्टी है।
‘कांग्रेस में मुझे नहीं दिया गया कोई पद’
अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि प्राथमिक सदस्यता के अलावा मुझे कांग्रेस पार्टी के किसी समूह में शामिल नहीं किया और न ही कोई पद दिया गया। इसलिए मैं एक सैनिक के रूप में टीएमसी में शामिल हुआ हूं। मैं पार्टी के निर्देशों के अनुसार काम करूंगा। अखंडता और धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने के लिए काम करूंगा।
फर्जी वैक्सीनेशन कैंप पर ममता का किया था बचाव
हाल ही में कोलकाता में फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का मामला सामने आया था। विपक्ष ने इसके लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया पर अभिजीत मुखर्जी ने उनका बचाव किया। अपने ट्वीट में मुखर्जी ने लिखा था-‘किसी व्यक्ति विशेष की गलत हरकत के लिए पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। अगर ऐसा ही है तो विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी से जुड़े मामलों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।’