अभय देओल एक ऐसे अभिनेता हैं जिनके डिंपल ने सभी को प्रभावित कर दिया था मगर उससे भी ज्यादा काबिल था उनका अभिनय जिसने सभी का दिल जीत लिया। अपने कजिन की तरह, अभय देओल को तुरंत बॉलीवुड में प्रवेश नहीं मिला था। उन्होंने कहा था कि उन्हें पढ़ाई में ही दिलचस्पी थी और सिनेमा के लिए अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ना चाहते थे। मगर जब उन्होंने डेब्यू किया तो तब सब को उनकी प्रतिभा का अंदाज़ा हुआ।
https://www.instagram.com/p/BtvuTIbhEe0/?utm_source=ig_web_copy_link
अभय ने साबित किया कि इंडस्ट्री में ऐसे बहुत कम अभिनेता हैं जो उनकी तरह सरल और सूक्ष्म हैं। कमर्शियल फिल्मो के साथ साथ उन्होंने थिएटर और पैरेलल सिनेमा में भी सक्रीय रूप से काम किया है। अपने फ्री समय में, वह दान और सामाजिक कार्य भी करते हैं। अभय को आखिरी बार फिल्म ‘जीरो’ में कैमियो करते देखा गया था और जल्द अपना तमिल डेब्यू फिल्म ‘इधु वधालं सोल्लुम कढ़ाई’ से कर रहे हैं। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर, आइये नज़र डालते हैं उनकी पांच सबसे बेहतरीन फिल्मो पर-
सोचा ना था (2005)
इस फिल्म को आज तक भी निर्देशक इम्तियाज़ अली की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक माना जाता है मगर जितनी कामयाबी इसे मिलनी चाहिए थी, मिली नहीं। फिल्म में अभय देओल और आयशा टाकिया की केमिस्ट्री फिल्म का सबसे अच्छा हिस्सा थी। इस रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म में उन्होंने विरेन के किरदार को जबरदस्त अंदाज़ से निभाया था।
मनोरमा सिक्स फीट अंडर (2007)
फिल्म का निर्देशन नवदीप सिंह ने किया है जिन्होंने एक और बेहतरीन थ्रिलर फिल्म ‘एनएच10’ बनाई है। ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ एक कामयाब फिल्म ‘चाइनाटाउन’ 1974 पर आधारित थी जिसे मशहूर निर्देशक रोमन पोलंस्की ने बनाया था। अभय ने फिल्म में राजस्थान के एक छोटे से शहर के जासूस का किरदार निभाया था और समीक्षकों ने उनके अभिनय और बारीकियो की बहुत तारीफ की थी।
https://youtu.be/nixVIBnmqww
देव डी (2009)
आधुनिक सिनेमाई इतिहास में इस फिल्म से अभय देओल ने अपनी जगह पक्की कर ली थी। फिल्म ने उनका करियर बदल दिया और अनुराग कश्यप को सिनेमाप्रेमियों के बीच एक प्रसिद्ध फिल्ममेकर बना दिया। फिल्म पंजाब में सेट की गयी थी जिसमे अभय ने एक आधुनिक आत्म-विनाशकारी नायक की भूमिका निभाई जो अभिमान में चूर था। उनका अभिनय जबरदस्त था। उनके आधुनिक दौर का देवदास का किरदार युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ था।
ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा (2011)
फिल्म में अभय ने कबीर नाम के एक संयोजक का किरदार निभाया था। उनके किरदार को बहुत सराहा गया था। फिल्म को दर्शकों के साथ समीक्षकों से भी तारीफे मिली थी और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी कामयाब साबित हुई। प्रेरणा से भरी इस फिल्म को जितना देखा जाए कम है।
ओये लकी लकी ओये (2008)
समीक्षकों के अनुसार, ये अभय का अभी तक का सबसे बेहतरीन काम है। उन्होंने फिल्म में लविंदर सिंह नाम के पंजाबी मुंडे का किरदार निभाया था और इसमें अभय ने बेहद ही सरलतापूर्वक अभिनय किया था।