नई दिल्ली। अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी और तेज अर्थव्यवस्था वाला मोरक्को अब अपने यहां भी विभिन्न नागरिक सेवाओं को आधार से जोड़ने के लिए भारत का अनुसरण करने को उत्सुक है। अभी हाल में ही मोरक्को सरकार के गृह मंत्री नोरदाइन बोटायैब के नेतृत्व में भारत दौरे पर आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने आधार-लिंक सेवाओं के क्रियान्वयन के बारे में बारीकी से अध्ययन किया।
28 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच दस दिवसीय भारत दौरे पर आए मोरक्को के इस प्रतिनिधि मंडल ने क्राइम, साइबर क्राइम, सीसीटीएनएस, डीबीटी, गैस सब्सिडी, डिजिटलीकृत बैंकिंग सिस्टम आदि में आधार सेवाओं के लाभ का विस्तृत अध्ययन किया। मोरक्को के बोटायैब ने अपने समकक्ष किरन रिजिजू तथा अन्य अधिकारियों से बातचीत के दौरान कहा कि भारत जैसे 1.3 अरब की विशाल आबादी वाले एक बड़े लोकतांत्रिक देश जिसमें विभिन्न संस्कृतियां तथा भाषाए हैं, इतने कम समय में आधार जैसी तकनीकी सेवा के सफलता से लागू किए जाने की सराहना की।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत यात्रा पर आए इस मंत्री ने कहा कि भारत के सामाजिक—आर्थिक मॉडल को मोरक्को भी लागू करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल का उददेश्य मोदी सरकार के विकास मॉडल और उसके सामाजिक—आर्थिक सुधारों के बारीकियों को सीखना था।
बोटायैब के अगुवाई वाले इस समग्र प्रतिनिधिमंडल ने आईसीटी,सामाजिक-आर्थिक तथा मोरक्को की नेशनल बैंक से संबंधित कार्यक्रमों के लिए विभिन्न मंत्रालयों से मुलाकात की। मोरक्को के इस प्रतिनिधिमंडल ने काउंटर टेरिरिज्म तथा डी-रैडिकललाइज़ेशन जैसे अहम मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया।
मोरक्को के बटाययब ने किरन रिजिजू से कहा कि मोरक्को उत्तरी अफ्रीका में भारत के लिए आतंकवाद और डी-रैडिकललाइजेशन पार्टनर के रूप में उभर रहा है और वे इस क्षेत्र में भारत के साथ अपना अनुभव साझा करना चाहते हैं। दोनों मंत्रियों ने आतंकवाद के मुद्दे पर एक दूसरे को सहयोग देने का फैसला किया।
किरन रिजिजू ने अपने समकक्ष मंत्री तथा प्रतिनिधिमंडल को आधार सेवा से जुड़े सभी लाभों के बारे में बताया। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) जैसे विभिन्न पहलूओं से जुड़ी जानकारी दी। रिजिजू ने मोरक्को के मंत्रियों को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया, जो पुलिस बल के आधुनिकीकरण में ना केवल सहायता करेगा बल्कि पुलिस स्टेशनों की नेटवर्किंग, राज्य अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचना का एक हिस्सा भी होगा।
रिजिजू ने यह भी बताया कि किस प्रकार से आधार सेवा के जरिए आमजन की शिकायत दर्ज करने से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इंटरफ़ेस की व्यवस्था की गई है। इस सिस्टम से भारत के 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़े हुए हैं। मोरक्को ने इस सिस्टम को समझने के लिए अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की है।
गौरतलब है कि मोरक्को और भारत म्यूचुअल लीगल सहायता संधि के जरिए लिबरल विजा प्रणाली पर काम कर सकते हैं। यहां तक कि मोरक्को से फास्फेट की आपूर्ति भारत की खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यूरोपीय और अफ्रीकी बाजारों की उभरती हुई अर्थव्यवस्था भारत को एक प्रवेश द्वार के रूप में देख रही हैं।