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    नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| भारत, अफ्रीका में अपनी क्षमता निर्माण गतिविधियों के विस्तार पर अपने बूते और अमेरिका व जापान जैसे देशों के सहयोग के साथ काम कर रहा है। चीन के इस खनिज समृद्ध महाद्वीप में अपने महत्वाकांक्षी बहुराष्ट्रीय बेल्ट-एंड-रोड पहल (बीआरआई) के माध्यम से अपना प्रभाव जमाने के प्रयास के बीच भारत क्षमता विस्तार पर जोर दे रहा है।

    भारत जिन क्षेत्रों में क्षमता निर्माण गतिविधियों को तेज कर रहा है, उनमें स्वास्थ्य सेवा, आपदा प्रबंधन, संपर्क, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, व्यापार और निवेश व कृषि शामिल हैं।

    जो प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं, उनमें भारत ने सोमालिया को 27 मिनी बसें और 45 बसें और लाइबेरिया को पांच फायर ट्रक देने की योजना बनाई है।

    भारत ने मलावी को 10 एम्बुलेंस देने की भी योजना बनाई है।

    इसके अलावा, भारत, जापान के साथ मिलकर केन्या में एक कैंसर अस्पताल स्थापित करने पर विचार कर रहा है, जो एक महत्वपूर्ण फ्लैगशिप परियोजना होगी और अफ्रीकी देशों में आगे की सहयोगी परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

    इस मुद्दे पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ ओसाका में जी 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर चर्चा की थी और दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की थी कि “यह कुछ ऐसा है जिसे हमें आगे ले जाना चाहिए।”

    अमेरिका के सहयोग से भारत केन्या में भी किसानों को प्रशिक्षित कर रहा है।

    भारत और अमेरिका ने हाल ही में वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग पर मार्गदर्शक सिद्धांतों (एसजीपी) के वक्तव्य में प्रथम संशोधन पर हस्ताक्षर किए, जो साझीदार देशों की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ढांचा प्रदान करता है, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में।

    यह समझौता 2021 तक वैध होगा एवं भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से किए गए क्षमता निर्माण गतिविधियों के दायरे का विस्तार करता है और एसजीपी के तहत गतिविधियों की संयुक्त द्विवार्षिक निगरानी और समीक्षा के लिए एक परामर्श तंत्र भी प्रदान करता है।

    अमेरिका और जापान के साथ भारत के ये कदम ऐसे समय में आए हैं, जब चीन बीआरआई के जरिए अफ्रीका में अपनी पकड़ बनाने के लिए अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है।

    चीन अपनी बढ़ती वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के तहत, बीआरआई को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रहा है, जिसमें भारत ने शामिल होने से मना कर दिया है क्योंकि यह जम्मू एवं कश्मीर के उन हिस्सों से होकर गुजरता है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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