अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने वीरवार को अमृतसर केा सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण के दर्शन किये। उन्होंने अफगानिस्तान में आगामी चुनाव, शान्ति, अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भारत- पाक के रिश्तों के विषय पर बातचीत की।
उन्होंने अफगानिस्तान में आगामी चुनाव पर मंडरा रहा असुरक्षा के बाबत बताया कि किसी राष्ट्र के स्वतंत्र चुनाव होना फक्र कि बात है लेकिन काबुल कि हवा में भी असुरक्षा की भावना है।
उन्होंने कहा कि तालिबान ने देश के आधे से अधिक इलाके पर कब्ज़ा कर लिया है ऐसी परिस्थतियों में चुनाव मुक्कमल करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। हालांकि इसके बावजूद अफगानियों ने वोट देकर अपना नेता का चयन किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बारे में बताते हुए हामिद करजई ने कहा कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान को एक नई दिशा देंगे। वह भारत और अफगान के बीच व्यापार मार्ग खोलने पर हामी भरेंगे।
हाल ही अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए हमले के बारे में किरजई ने कहा कि अफगानिस्तान में हिन्दू और सिख जैसे समुदायों पर आतंकवादी हमले बेहद खेदजनक है। उन्होंने कहा यह समुदाय अफगानिस्तान का अंग है।
अन्य अफगानियों कि तरह ये समुदाय भी पीड़ित है। उम्मीद है ये दर्द जल्द खत्म होगा. किरजई ने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान हमारी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को घर और अन्य बुनियादी सुविधाएं दी।
साथ ही उन्हें सियासत में भी भागीदार बनाया। उन्होंने कहा अल्पसंख्यक समुदाय का अफगानिस्तान पर उतना ही हक़ है जितना बहुसंख्यक समुदाय का है।
किरजई ने कहा सोवियत संघ के आक्रमण के कारण कई अफगानियों और अल्पसंख्यक समुदाय को अपनी सरजमीं छोड़कर भागना पड़ा।
पाकिस्तान के करतारपुर बॉर्डर खोले जाने के बारे में किरजई ने कहा कि गुरु नानक देव की मान्यता सिर्फ सिखों के मन में ही नहीं बल्कि हिन्दू और मुस्लिमो में भी है।
उन्होंने कहा सिर्फ करतारपुर गलियारा ही नहीं सभी पवित्र स्थलों के द्वार अन्य देश के लोगों के लिए खोले जाने चाहिए ताकि सभी धर्म के लोग अपनी धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सके।