अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान के मध्य बातचीत का सिलसिला शुरू होने में काफी अड़चने उत्पन्न हो रही है। क्षेत्रीय मामलों में अशरफ गनी के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद उमेर दौड़जाइ बुधवार को कहा कि अफगान सरकार और तालिबान के मध्य सीधे बातचीत का दौर आगामी कुछ महीनों में शुरु हो जाएगा।
तोलो न्यूज़ के मुताबिक उन्होंने कहा कि आज से कुछ महीनो बाद अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के बीच सीधे बातचीत के गवाह हम बनेगे और वह असल वार्ता होगी। विशेष प्रतिनिधि ने यह बयान अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट ह्यूमन राइट कमीशन कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए दिया था।
तालिबान ने बीते कई मौकों पर अफगान सरकार से बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। मास्को में आयोजित शान्ति वार्ता में तालिबान के इंकार के बाद रूस ने अफगान सरकार को शामिल करने के इरादे को टाल दिया था। हाल ही में अशरफ गनी मार्च के माह में एक भव्य सम्मलेन ‘जिगरा’ का आयोजन किया जायेगा, जिसमे जनता के तालिबान के साथ बातचीत पर विचारों और मतों को सुनना है।
मोहम्मद उमेर दौड़जाइ भी इस शान्ति सम्मलेन के आयोजनकर्ताओं में से हैं। उन्होंने कहा कि “इस सम्मलेन का आयोजन 17 मार्च को किया जायेगा और इसका अंत 20 मार्च को होगा। लेकिन यदि बातचीत जारी रहती है तो इसकी तारीख को बढ़ा दिया जायेगा।”
हाल ही में काबुल ने कहा कि रूस ने तालिबान प्रतिनिधियों को यात्रा की आज़ादी दी, जबकि वह अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा प्रतिबंधित थे। इस बैठक का अफगानिस्तान शुरुआत से ही विरोध कर रहा था। उन्होंने कहा कि यह सरासर अफगानी नेतृत्व और नियंत्रित शान्ति प्रक्रिया के खिलाफ है।
अमेरिका के अधिकारियों की शांति वार्ता के लिए तालिबान के प्रतिनिधियों से बातचीत जारी है, जिससे 17 वर्ष के विवाद के थमने के आसार बढ़ गए हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सेना को वापस आने के आदेश दिए है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस जंगी सरजमीं पर हमने आईएसआईएस को खदेड़ दिया है। अधिकारीयों के मुताबिक अमेरिकी सेना इस आदेश का जल्द पालन कर रही है।
हालाँकि कांग्रेस में एक रिपोर्ट में खुफिया नेताओं ने चेतावनी दी है कि आईएस के अभी भी सीरिया और इराक में हज़ारों लड़ाके हैं, औऱ अमेरिकी सैनिकों की अनुपस्थिति में वह वापसी कर सकते हैं।