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    पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने वाशिंगटन में अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में “बातचीत” से राजनीतिक समाधान की तत्काल आवश्यकता और हिंसा में कमी पर चर्चा की।

    डॉन न्यूज ने शुक्रवार को बताया कि बातचीत में आपसी हित के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। मार्च में जिनेवा में पहली बार मिले दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। मोईद यूसुफ ने एक ट्वीट में लिखा कि, “आज वाशिंगटन में एनएसए जेक सुलिवन के साथ सकारात्मक अनुवर्ती बैठक हुई।”

    उन्होंने कहा कि, “हमने जिनेवा बैठक के बाद पाक-यू.एस. द्विपक्षीय सहयोग में हुई प्रगति का जायजा लिया और आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।”

    हालांकि मोईद युसूफ ने बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों में अफगानिस्तान का उल्लेख नहीं किया। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन ने अपने ट्वीट का आधा हिस्सा अफगान मुद्दे को ही समर्पित किया। जेक सुलिवन ने ट्वीट में लिखा कि, “मैं क्षेत्रीय संपर्क, सुरक्षा और पारस्परिक सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर परामर्श करने के लिए आज पाकिस्तान के एनएसए से मिला। हमने अफगानिस्तान में हिंसा में कमी की तत्काल आवश्यकता और संघर्ष के लिए एक राजनीतिक समाधान पर चर्चा की।”

    31 अगस्त तक अमेरिकी सेना की वापसी की घोषणा के बाद से, अफगानिस्तान में हिंसा बढ़ रही है और अफगान सरकार और विद्रोही तालिबान के बीच शांति समझौता करने के प्रयास धीमे हो गए हैं। भारत और कुवैत की यात्रा के बाद गुरुवार शाम वाशिंगटन लौटे अमेरिकी विदेश मंत्री अंटोनी ब्लिंकन ने दौरे के दौरान कहा था कि तालिबान के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका है ताकि वह यह सुनिश्चित कर सके कि तालिबान देश को जबरदस्ती अपने कब्जे में लेना नहीं चाहता है।

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 15 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सैनिकों को वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध बिडेन प्रशासन अब तालिबान के अधिग्रहण को रोकने के लिए अपने राजनयिक प्रभाव का उपयोग कर रहा है और यहीं वह पाकिस्तान के लिए एक भूमिका देखता है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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