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    तालिबान और अमेरिका

    तालिबान के प्रतिनिधि समूह ने अफगानिस्तान की सुलह के लिए अमेरिका के विशेष राजदूत जलमय खलीलजाद से इस्लामाबाद में मुलाकात की थी। डोनाल्ड ट्रम्प के अफगान शान्ति प्रक्रिया को खत्म करने के बाद से यह पहल मुलाकात है।

    पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि “खलीलजाद और तालिबान के प्रतिनिधि समूह के बीच मुलाकात हुई थी ताकि वार्ता को बहाल करने के विभिन्न तरीको पर चर्चा की जा सके।” तालिबान के समूह की अध्यक्षता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने की थी।

    अधिकारी ने कहा कि “दोनों पक्ष किसी निर्णय पर नहीं पंहुचे हैं। वार्ता पर पाबन्दी अभी भी जारी है लेकिन दोनों पक्षों ने इस पाबन्दी को तोड़ने का संकल्प लिया है।” उन्होंने इस मुलाकात से सम्बंधित अधिक जानकारी साझा नहीं की है। दोनों पक्षों के होमवर्क पूरा होने के बाद एक अन्य मुलाकात की उम्मीद है।

    उन्होंने कहा कि “दोनों पक्षों ने नयी मांगे भी की है। अमेरिका ने इस क्षेत्र में संघर्षविराम की मांग की है और इसमें अफगानी सरकार को शामिल करने की मांग की है। तालिबान ने इस मांग को दोबारा खारिज किया है।

    तालिबान ने कहा कि “उन्हें अमेरिका के आला स्तर से गारंटी चाहिए कि इस मुलाकात के परिणामो पर अमल किया जायेगा। तालिबान ने अमेरिका की दोनों मांगो को ख़ारिज किया है और शान्ति प्रक्रिया को खत्म होने की जगह से ही भाल करने की मांग की है जब अमेरिका एक नयी शुरुआत करना चाहता है।”

    तालिबान ने काबुल में एक आतंकवादी हमले को अंजाम दिया था जिसमे एक अमेरिकी नागरिक सहित 12 लोगो की मौत हो गयी थी। तालिबानी प्रतिनिधि समूह बुधवार को इस्लामाबाद पंहुचा था और इस्लामाबाद के उच्च स्तर के नेताओं के साथ वार्ता की थी।

    पाकिस्तानी विदेश मंत्री दर्शाया है कि अमेरिका और तालिबान को शान्ति वार्ता जल्द बहाल कर लेनी चाहिए और जिससे शान्ति और स्थिरता कायम रहेगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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