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    भारत और चीन

    चीन ने सोमवार को बताया कि अफगानिस्तान में शान्ति लाने के प्रयासों से भारत बाहर नहीं है। हाल ही में चीन ने अमेरिका, रूस और पाकिस्तान की जंग से जूझ रहे देश में शांति प्रक्रिया चर्चा के बाबत मेजबानी की थी। चीन, रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने 10-11 जुलाई को बीजिंग में शान्ति प्रक्रिया की तीसरी चर्चा का आयोजन किया था।

    पाकिस्तान की पैरवी

    पत्रकारों को सोमवार को बैठक के बताते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि “हम कुछ आम सहमती पर पंहुच गए हैं और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर विचारो का आदान प्रदान किया था और हमारा प्रयास देश में शान्ति और सुरक्षा को बहाल करने का प्रयास करना है।”

    उन्होंने कहा कि “सभी चारो देश समन्वय और संपर्क को बढाने पर सहमत हुए हैं और संयुक्र रूप से अफगानिस्तान में शान्ति और सुलह प्रक्रिया का प्रचार करेंगे। भविष्य में चारो देशों की मुलाकात संयुक्त परामर्श पर आधारित हो सकती है। चारो देशों ने आपसी समझ पर आधारित बैठक के आयोजन का निर्णय लिया है।”

    उन्होंने कहा कि “मुझे यकीन है हमने भारत को चर्चा से बाहर नहीं किया है और अफगानिस्तान मामले के जल्द हल के लिए मदद करे।” 21 जुलाई से पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री अमेरिका की यात्रा पर जायेंगे, इस दौरान अफगानिस्तान में शान्ति प्रक्रिया के मुद्दे को भी उठाया जा सकता है।

    भारत के साथ अफगान हालात पर चर्चा

    बीते दिसम्बर में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान से सैनिको की वापसी का ऐलान किया था। अफगानी सरजमीं में अभी भी अमेरिका के करीब 14000 सैनिक मौजूद है। अफगानिस्तान ने पाक पर तालिबानी चरमपंथियों को पनाह देने का आरोप लगाया था, जो देश में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं और मुल्क को अस्थिर कर रहे हैं।

    बीते महीने चीन ने अधिकारिक जानकारी दी कि वह तालिबान के प्रतिनिधि समूह की मेजबानी करेगा इसके मुख्य वार्ताकार मुल्ला अब्दुल घनी बरादर होंगे। बरदार ने खलीलजाद के साथ भी बातचीत की थी। पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मतभेदों को मुताने की कोशिश कर रहा है।

    अफगानिस्तान के हालातों पर भारत के साथ भी वार्ता का आयोजन कर रहा है। अफगानिस्तान में चीन के विशेष राजदूत देंग क्सिजुन ने मई में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान विदेश मंत्रालय के भारतीय अधिकारीयों के साथ बातचीत की थी। अफगानिस्तान के राजनयिकों के प्रशिक्षण के लिए भारत और चीन ने एक संयुक्त कार्यक्रम का आयोजन भी किया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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