अफगान तालिबान ने कहा कि “उन्होंने तीन बंधक भारतीय इंजिनियरो को एक साल के लिए रिहा कर दिया और इसके बदले उनके समूह के 11 सदस्यों को रिहा करने की गारंटी दी गयी है। इसमें चरमपंथी समूह के उच्च स्तर के अधिकारी भी है।”
अधिकारियो के मुताबिक, कैदियों की अदला-बदली रविवार को की गयी थी। हालाँकि इसके स्थान की कोई सूचना नहीं दी गयी थी। अधिकारियो ने इसका खुलासा नहीं किया कि चरमपंथियों ने यह बताने से इनकार कर दिया कि कैदियों की अदला-बदली किसने की थी और तालिबानी सदस्यों को अफगानी विभागों या अफगानिस्तान में अमेरिका सेना ने रखा था।
तालिबान के अधिकारियो ने अपने तथ्य को सबित करने के लिए तस्वीरे और फुटेज मुहैया की है जिसमे रिहा चरमपंथियों को रिहाई के बाद बधाई दी जा रही है। अफगान और भारतीय विभागों ने तत्काल को जवाब नहीं दिया है।
अफगानिस्तान के उत्तरी बघियन प्रान्त में एक पॉवर प्लांट में करीब साथ इंजिनियर कार्य कर रहे थे और उनका मई साल 2018 में अपहरण कर लिया गया था। इन अपहरण के मामले की किसी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली थी। मार्च में एक बंधक को रिहा कर दिया गया था लेकिन अन्य के बाबत जानकारी नहीं दी गयी है।